चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र का आगमन होता है। इसी दिन हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हो जाता है। सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान अलग-अलग दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर प्रिय भोग लगाने से मातारानी की आप पर विशेष कृपा होती है।
धर्म डेस्क। रविवार से चैत्र नवरात्र का पर्व शुरू हो रहा है। इस त्योहार के आने का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। चैत्र नवरात्र में अलग-अलग दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि पूजा और व्रत करने से साधक को सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। पूजा के दौरान मां दुर्गा को भोग जरूर लगाना चाहिए। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आदिशक्ति मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि नौ देवियों के भोग के बारे में।
पहला दिन
चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री को सफेद रंग प्रिय है, तो ऐसे में मां शैलपुत्री को घी से बना हलवा का भोग लगाएं।
दूसरा दिन
चैत्र नवरात्र का दूसरे दिन भक्त मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन पूजा थाली में शक्कर और पंचामृत को शामिल करें। मान्यता है कि इससे साधक को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होगा।
तीसरा दिन
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करें और खीर एवं मिठाई का भोग लगाएं। माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से धन की प्राप्ति होती है। साथ ही मां चंद्रघंटा प्रसन्न होती हैं।
चौथा दिन
चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है। इस दिन मां कुष्मांडा को मालपुआ और फल का भोग लगाना चाहिए। इससे व्रत का शुभ फल प्राप्त होता हैं।
पांचवा दिन
चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा कर केले का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि मां स्कंदमाता को भोग लगाने से करियर में सफलता देखने को मिलती है और मनचाहा करियर मिलता है।
छठा दिन
छठे दिन दिन मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। मां कात्यायनी की पूजा थाली में मीठे पान और शहद का भोग लगाना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
सातवां दिन
चैत्र नवरात्र का सातवां दिन मां कालरात्रि को प्रिय है। इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इससे साधक के रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं।
आठवां दिन
मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना फलदायी साबित होता है। इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं। साथ ही सभी मुरादें जल्द पूरी होती हैं।
नौवें दिन
चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। मां सिद्धिदात्री को पूड़ी, खीर और हलवा का भोग लगाएं। इसके बाद लोगों में प्रसाद बाटें।