पहले चरण में ‘व्योममित्र’ जाएगा अंतरिक्ष में, इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने दी जानकारी
नई दिल्ली।
भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की लॉन्चिंग की नई समयसीमा तय कर दी गई है। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि यह महत्वाकांक्षी मिशन अब 2027 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।
🔸 गगनयान मिशन की पुरानी समयसीमा 2022 थी, जिसे अब लगभग 5 साल आगे बढ़ा दिया गया है।
🔸 देरी की मुख्य वजह रही कोरोना महामारी, तकनीकी जटिलताएं और ट्रेनिंग में आई बाधाएं।
🌌 पहले चरण में ‘व्योममित्र’ की होगी लॉन्चिंग
इसरो प्रमुख ने जानकारी दी कि पहले एक मानवरहित मिशन के तहत एक अर्ध-मानव रोबोट ‘व्योममित्र’ को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
इसके बाद 2026 में दो और मानवरहित मिशन किए जाएंगे, जो गगनयान मिशन की नींव को मजबूत करेंगे।
🛰️ गगनयान: भारत का अब तक का सबसे जटिल मिशन
🔹 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर भेजा जाएगा और कुछ दिनों के बाद उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
🔹 इसके लिए इसरो ने पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (ECLSS) तैयार की है, जो अंतरिक्ष यान के अंदर का तापमान, हवा, दबाव और नमी नियंत्रित करेगी।
गगनयान क्यों है भारत के लिए मील का पत्थर?
✅ मिशन की सफलता के बाद भारत बनेगा चौथा देश, जिसने अपने दम पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा हो —
(रूस, अमेरिका और चीन के बाद)
✅ यह मिशन भारत को अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक नेता की श्रेणी में ला खड़ा करेगा।
🔬 अंतरिक्ष डॉकिंग परीक्षण में सफलता
इसरो प्रमुख ने यह भी बताया कि दिसंबर में PSLV से भेजे गए दो उपग्रहों के साथ किया गया डॉकिंग परीक्षण सफल रहा।
अब इसरो स्पैडेक्स-2 नामक अगला चरण तैयार कर रहा है, जिसका प्रस्ताव जल्द सरकार को भेजा जाएगा।
📌 गगनयान सिर्फ एक मिशन नहीं, भारत के आत्मनिर्भर अंतरिक्ष अभियान की नींव है।
अब भारत तैयार है अपने विज्ञान, तकनीक और जज्बे से अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचने के लिए!