कोर्ट ने सुनाई तीन-तीन साल की सजा
ग्वालियर। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले वाहिद अंसारी और रफीक अंसारी को विशेष न्यायाधीश सायबर क्राइम्स ने दोषी पाते हुए तीन-तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों पर ढाई- ढाई हजार रुपए का जुर्माना भी न्यायालय ने किया है। आरोपियों को यह सजा धारा 420 के अपराध में दोषी पाते हुए सुनाई गई है। इसके अलावा दोनों को आईटी एक्ट की धारा 66 के अपराध में एक-एक साल के सश्रम कारावास की भी सजा मिली है।
फरियादी हितेन्द्र सिंह सिसौदिया को 1 अगस्त 2019 को उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर एसएमएस से रीडिमपाइंट के भेजे गए मैसेज में दिए गए ओटीपी को पूछा और ओटीपी मांगकर फरियादी के कोटेक महिन्द्रा बैंक स्थित बैंक खाते से क्रमशः 50 हजार, 49900 रुपए, 10 हजार रुपए सहित कुल 1 लाख 9 हजार 9 सौ रुपए निकाल लिए। बैंक खाते से पैसे निकलने पर हितेन्द्र सिसौदिया ने एसपी सायबर जोन ग्वालियर को शिकायत की। जिस पर सायबर थाने द्वारा मामले की जांच प्रारंभ की गई। जांच में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त होंने पर मोबाइल धारक वाहिद अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसका मोबाइल जब्त करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के खिलाफ भादसं की धारा 420 तथा आईटी एक्ट की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी रफीक अंसारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी जामनपुरा जिला सिहोर के रहने वाले हैं।
Posted by : आशीष मिश्रा