गंगा एक्सप्रेसवे बना रणभूमि का रनवे!
शाहजहांपुर (यूपी) — भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर अपनी तैयारियों का जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बने गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर वायुसेना के 15 लड़ाकू विमानों ने ‘टच एंड गो’ लैंडिंग का सफल अभ्यास किया।
🕐 दोपहर 12:41 बजे अभ्यास की शुरुआत हुई, जब वायुसेना का AN-32 ट्रांसपोर्ट विमान सबसे पहले आया, कुछ देर चक्कर लगाने के बाद उतरा और फिर करीब 1 बजे टेकऑफ कर गया। इसके बाद एक के बाद एक राफेल, मिराज, जगुआर जैसे घातक लड़ाकू विमानों ने एक्सप्रेसवे को अपने पंखों से गूंजा दिया।
⛈️ मौसम ने डाला खलल, पर नहीं रुका हौसला!
अभ्यास से ठीक पहले शाहजहांपुर में तेज आंधी और बारिश ने थोड़ी देर के लिए कार्यक्रम को प्रभावित किया। घने बादलों और तेज़ हवाओं के चलते एयर शो टालने की चर्चाएं भी हुईं, लेकिन मौसम जैसे ही सामान्य हुआ, पुलिस और वायुसेना प्रशासन ने तैयारी को अंतिम रूप दिया और एयर शो शुरू कर दिया।
अभी तक 16 फाइटर जेट्स गंगा एक्सप्रेसवे पर सफलतापूर्वक अभ्यास कर चुके हैं।
✈️ रोमांचक एयर शो और पहली बार ‘नाइट लैंडिंग’
करीब 90 मिनट तक चले इस शो में वायुसेना के विमान हवा में कलाबाज़ियां करते नजर आए, जिससे स्कूली बच्चे और स्थानीय लोग रोमांचित हो उठे। शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक पहली बार ‘नाइट लैंडिंग शो’ का आयोजन भी हुआ, जो देश के सैन्य इतिहास में एक नई उपलब्धि है।
🔒 इस दौरान कटरा-जलालाबाद हाईवे तीन घंटे तक पूरी तरह बंद रहा। अगले दिन (शनिवार) दिन में एक और शो हुआ, लेकिन रात में लैंडिंग नहीं की गई।
गंगा एक्सप्रेसवे: भारत का पहला ‘नाइट फाइटर लैंडिंग एक्सप्रेसवे’
गौरतलब है कि ₹36,230 करोड़ की लागत से बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिस पर रात में लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकते हैं। यह 594 किमी लंबा है और मेरठ से प्रयागराज तक फैला है। यह देश का चौथा एक्सप्रेसवे है जिसमें हवाई पट्टी शामिल है।
✨ इन घातक विमानों ने लिया अभ्यास में हिस्सा:
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राफेल – सभी मौसमों में ऑपरेशन योग्य, मेटेओर मिसाइल से लैस
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SU-30 MKI – लंबी दूरी तक स्ट्राइक और ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने में सक्षम
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मिराज-2000 – न्यूक्लियर स्ट्राइक में सक्षम, तेज और सटीक
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मिग-29 – रडार से बच निकलने की क्षमता के साथ उच्च गति
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जगुआर – ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन के लिए उपयुक्त
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C-130J सुपर हरक्यूलिस – विशेष बलों की तैनाती और राहत कार्यों में माहिर
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AN-32 – दुर्गम क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट के लिए
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MI-17 V5 हेलिकॉप्टर – सर्च एंड रेस्क्यू और मेडिकल एवाक्यूएशन के लिए महत्वपूर्ण
🔥 निष्कर्ष:
यह युद्धाभ्यास केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं था, बल्कि यह भारत की वायुसेना की तैयारियों और आत्मविश्वास का प्रदर्शन था। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वायुसेना दिन-रात सतर्क है — चाहे मौसम जैसा भी हो, मिशन पूरा होगा!