ग्वालियर में फर्जी कर्नल का पर्दाफाश, रिटायर्ड फौजी सहित तीन लोग बने शिकार

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ग्वालियर में फर्जी कर्नल का पर्दाफाश, रिटायर्ड फौजी सहित तीन लोग बने शिकार

फौज में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले शातिर जालसाज़ एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। ताज़ा मामला सिंगरौली के रहने वाले रिटायर्ड फौजी भूपेंद्र पांडे और उनके परिवार से जुड़ा है, जिन्हें फर्जी कर्नल बनकर एक ठग ने 15 लाख रुपए का चूना लगा दिया। रिटायर्ड फौजी भूपेंद्र अपने बेटे निखिल को नर्सिंग असिस्टेंट की भर्ती के लिए लखनऊ लेकर गए थे, लेकिन बेटा फिजिकल टेस्ट में पास नहीं हो पाया। इसी दौरान लखनऊ में उन्हें फौजी अफसर की वर्दी पहने एक शख्स मिला, जिसने खुद को कर्नल एसएन राव बताया और कहा कि वह ग्वालियर मिलिट्री में ऑफिसर है। उसने भरोसा दिलाया कि वह निखिल को फौज में भर्ती करा देगा, जिसके लिए 15 लाख रुपए लगेंगे।

बेटे के भविष्य के लिए भूपेंद्र ने उसी समय 7.5 लाख रुपए नकद दे दिए। बाद में 17 नवंबर को भूपेंद्र ग्वालियर आए, जहां मुरार सेना भर्ती कार्यालय के बाहर फर्जी कर्नल ने उनसे फिर 7.5 लाख रुपए ले लिए और बेटे को जॉइनिंग लेटर दे दिया। उसने दावा किया कि निखिल को 4 दिसंबर को लखनऊ में ज्वाइन कराना है।

इतना ही नहीं, ठग ने भरोसा जमाने के लिए भूपेंद्र के भाई और साले को भी ग्वालियर MES में फिटर और इलेक्ट्रिशियन के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उन्हें भी फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेज दिए।

28 नवंबर को जब सभी ग्वालियर के मुरार मिलिट्री ऑफिस पहुंचे तो पता चला कि MES में ऐसी कोई भर्ती निकली ही नहीं है। जांच में यह भी सामने आया कि एसएन राव या एसएन झा नाम का कोई अधिकारी वहां तैनात ही नहीं है। तभी सभी को पता चला कि वे बड़े फर्जीवाड़े का शिकार हो चुके हैं।

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इसके बाद पीड़ित आईपीएस अनु बेनीवाल से मिले, जिन्होंने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी को मुरार थाने भेजा और पुलिस को फर्जी कर्नल के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। ग्वालियर पुलिस अब इस हाई-प्रोफाइल ठगी केस की जांच में जुट गई है और फर्जी कर्नल की तलाश तेज कर दी गई है।

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