सत्ता की सीढ़ी बनी मुफ्त की बिजली
मुफ्त…मुफ्त…मुफ्त सब कुछ मुफ्त यानी कि मुफ्त का प्रलोभन सत्ता पाने में मददगार साबित हो रहा है। अरविंद केजरीवाल हों या शिवराज सिंह चौहान, अशोक गहलोत हों या फिर भूपेश बघेल… या फिर सत्ता की चाह रखने वाला विपक्ष। हर कोई मुफ्त का वादा कर रहा है। मुफ्त के इस बाजार में बिजली सत्ता पाने की सबसे सशक्त सीढ़ी बन रही है। आइए जानते हैं कि अभी किन-किन प्रदेशों में मुफ्त बिजली दी जा रही है और कहॉं मुफ्त बिजली देने का वादा किया जा रहा है। क्या वाकई में बिजली सत्ता की चाबी बन गई है, इससे राजनीतिक दलों को कितना लाभ हो रहा है? और क्या है इसकी असली हकीकत?
ग्वालियर। चुनाव आ रहे हैं तो हर तरफ मुफ्त की बात हो रही है। बहनों को एक हजार रुपए मिलेंगे। कोई सिलेंडर कम कीमत पर देने के साथ ही 100 यूनिट मुफ्त में बिजली देने का वादा कर रहा है। यानी कि सब कुछ मुफ्त में मिल रहा है और मिलता रहेगा! सीधी सी बात है, आप वोट दीजिए और मुफ्त में लीजिए। यह अब परंपरा सी बनती जा रही है। दिल्ली हो या पंजाब, राजस्थान हो या मध्य प्रदेश या फिर अन्य प्रदेश। हर तरफ मुफ्त की सौगातों की बारिश होने लगी है।
मुफ्त की इन घोषणाओं के बीच सबसे ज्यादा यदि किसी की बात होती है तो वह है बिजली। क्योंकि मौजूदा दौर में बिजली सत्ता की सीढ़ी जो बन गई है।
सबसे पहले बात करते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की, जिन्होंने ही सबसे पहले वादा किया था कि दिल्ली में आप की सरकार बनते ही मुफ्त में बिजली ओर पानी देंगे। मुफ्त की यह घोषणा उनके लिए वरदान साबित हुई और दिल्ली पर उनका कब्जा हो गया। उन्होंने भी अपना वादा निभाया। लेकिन उन्हें बिजली का फंडा समझ में आ गया और जहां-जहां आप ने दस्तक दी, वहां- वहां यही वादा किया गया और अपना खाता खोलने में कामयाब हुए। पंजाब में आप ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया।
अरविंद केजरीवाल की कामयाबी को देख अन्य दलों ने भी इसी फार्मूले को अपनाना शुरू कर दिया। उन्हीं की तर्ज पर अब सत्ता और विपक्षी दल भी प्रदेश में होने वाले चुनाव को देखते हुए सभी को मुफ्त की बिजली देने का वादा करने में लगे हुए हैं।
मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर मुफ्त की राजनीति शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ भाजपा लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर रही है। महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने की बात कर चुकी है। इसके साथ ही कॉग्रेस भी सत्ता हासिल करने के लिए मुफ्त की बिजली का वादा कर रही है। कांग्रेस ने नारा दिया है, कमलनाथ का संदेश साफ-100 यूनिट बिजली माफ।
गहलोत ने भी कर दिया एलान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रदेश में पुनः सरकार बनाने की चाह में बड़ा दांव खेला है। उन्होंने भी हर घर में 100 यूनिट बिजली मुफ्त में देने को एलान कर दिया है। आप चाहें एक से लेकर हजार यूनिट तक बिजली की खपत करो। लेकिन पहले 100 यूनिट का बिल नहीं देना होगा। भाजपा पर भारी पड़ी कांग्रेस
120 यूनिट मुफ्त की बिजली के वादे पर हिमाचल में पहले भाजपा ने सत्ता हासिल की थी। लेकिन कांग्रेस ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए इस साल चुनाव में 300 यूनिट मुफ्त में देने का वादा कर सत्ता हासिल कर लीं
कर्नाटक में कांग्रेस ने किया कमाल
कर्नाटक में पिछले महीने हुए चुनाव में कांग्रेस ने अपनी पांच सूत्रीय गांरटी में गृह ज्योति योजना के तहत मुफ्त में बिजली देने का वादा किया था। इसी वादे के दम पर कांग्रेस ने कर्नाटक में कमाल करते हुए सत्ता हासिल कर ली।
भाजपा भी नहीं रही अछूती
मुफ्त के वादों से भाजपा भी अछूती नहीं रही। उसने बंगला में 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया था, लेकिन वहां यह उसके लिए यह वरदान साबित नहीं हो सका और भाजपा, ममता से मात खा गई।
Postedby: विजय पाण्डेय