मध्य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आत्मविश्वास से भरे हैं। वे पूरे विश्वास से कहते हैं प्रदेश में सरकार तो भाजपा की ही बनेगी। इसका गणित समझाते हुए वे कहते हैं कि पिछले चार वर्षों में भाजपा ने अपना आधार मजबूत किया है।
धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल । मध्य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आत्मविश्वास से भरे हैं। वे पूरे विश्वास से कहते हैं ‘प्रदेश में सरकार तो भाजपा की ही बनेगी। इसका गणित समझाते हुए वे कहते हैं कि पिछले चार वर्षों में भाजपा ने अपना आधार मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से भाजपा का जनाधार बढ़ा है। जिस वर्ग को भाजपा विरोधी वोट माना जाता था, अब वह पार्टी के साथ है। मैं जहां भी जाता हूं, भारी भीड़ और उनका स्नेह प्रमाण है कि सरकार भाजपा की ही बनेगी।’ मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने को है। सियासी हलचल तेज है। भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया के भोपाल ब्यूरो प्रमुख धनंजय प्रताप सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इन मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं उस बातचीत के प्रमुख अंशः
वर्ष 2018 में सरकार नहीं बन पाई, तब क्या कमियां रह गई थीं। इस बार क्या मजबूती है?
- कांग्रेस ने झूठे वादे किए थे। किसानों और स्वयंसेवी समूहों की कर्जमाफी सहित 900 वचन दिए थे। लोग भ्रम में आ गए थे। दूसरी बात एंटी बीजेपी वोट हमेशा बंटता रहा है, लेकिन चार अप्रैल 2016 की घटना (एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ हुए आंदोलन) से समाज में खाई बनी, तो बसपा सहित अन्य पार्टियों को मिलने वाले वोट कांग्रेस को चले गए। सिर्फ लोकप्रियता ही नहीं, बल्कि समीकरणों से भी परिणाम पर प्रभाव पड़ते हैं। वर्ष 2008 में भाजपा को 38.5 प्रतिशत वोट मिले और सीटें मिली थीं 143, जबकि 2018 में वोट शेयर 41 प्रतिशत से आगे चला गया, लेकिन सीटें 109 ही मिलीं।
तब 2018 और अब 2023 की स्थिति में कोई खास बदलाव दिख नहीं रहा है। इस बार ऐसी कौन सी जादुई छड़ी है? - सरकार बनने पर कांग्रेस की वादा खिलाफी…, पांच दें या सात गारंटी, अब उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। सवा साल का भयानक दौर था। मंत्रालय को दलालों का अड्डा बना दिया था। उनके करीबियों के यहां छापे पड़े, खूब पैसा निकला। जनकल्याणकारी योजनाएं रोक दी गईं। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब परिवारों को नहीं लेने दिया। प्रधानमंत्री आवास लौटा दिए। जल जीवन मिशन शुरू ही नहीं किया। लाखों किसान भी केंद्र की किसान सम्मान निधि से वंचित रह गए।
— आपकी सर्वाधिक लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना के सामने कांग्रेस नारी सम्मान योजना लेकर आई है। इसका जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा? - देखिए, उनका लक्ष्य कल्याण नहीं, बल्कि चुनावी लाभ की मंशा है। वे झूठ बोल रहे हैं। लोग जानते हैं कि पहले कभी वादे पूरे नहीं किए, तो अब क्या करेंगे? जबकि हमारे लिए महिला सशक्तीकरण एक संकल्प है। मैंने पहली बार मुख्यमंत्री बनते ही लाड़ली लक्ष्मी योजना और कन्या विवाह योजना शुरू की थी। प्रदेश में लिंगानुपात 912 बालिका प्रति हजार बालक था, जो इस योजना के प्रभाव से अब 956 है। हमने पुलिस में 30 प्रतिशत और शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत सहित स्थानीय चुनावों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया है।
इस बार चुनाव में क्या एंटी बीजेपी वोट फिर से बसपा और अन्य के बीच बंट जाएगा?
- भाजपा ने अपना बेस बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला गैस और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से भाजपा का जनाधार बढ़ा है। कभी गरीबों का जो वर्ग एंटी बीजेपी वोट माना जाता था, अब भाजपा के साथ है। मैं जहां भी जाता हूं, भारी भीड़ और उनका स्नेह प्रमाण है कि भाजपा की सरकार ही बनेगी।
आप हर वर्ग को खुश करने में जुटे हैं, लेकिन भाजपा नेताओं में जीत के प्रति आश्वस्त होने का भाव नहीं झलक रहा है?
- ऐसा बिल्कुल नहीं है। जीत के प्रति पूरी भाजपा आश्वस्त है। 2003 में कांग्रेस की सरकार में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपये हो गई है। जीएसडीपी का साइज 71 हजार करोड़ था, जो अब करीब 15 लाख करोड़ है। प्रदेश का बजट था करीब 23 हजार करोड़, जो अब तीन लाख 14 हजार करोड़ है। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान करीब तीन प्रतिशत था, अब 4.6 प्रतिशत है। पहले गड्ढों में सड़कें थीं, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें जोड़ लें तो पांच लाख किमी से ज्यादा सड़कें हमने बनाई हैं। पहले केवल 2,900 मेगावाट बिजली बनती थी, अब 28 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। अंग्रेजों, राजाओं, नवाबों के जमाने और कांग्रेस सरकारों में प्रदेश में कुल 7.50 लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा था। हमने इसे बढ़ाकर 47 लाख हेक्टेयर किया और अब 65 लाख हेक्टेयर की तरफ बढ़ रहे हैं। सीएम राइज स्कूल, मेडिकल कालेज, मेट्रो रेल, ग्लोबल स्किल पार्क, निवेश व एक्सपोर्ट सहित आप किसी भी दिशा में देखें तो प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आइएनडीआइए के नाम पर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की कोशिशें जारी हैं। मध्य प्रदेश में इसे आप कितनी चुनौती मानते हैं?
- नकली सूरत सामने आए, असली चेहरा छुपा रहे। शेर की खाल ओढ़कर भेड़िया शेर नहीं बन जाता। ये (आइएनडीआइए) वे लोग हैं, जिनकी विचारधारा एक नहीं है। ये एक-दूसरे से हमेशा लड़ते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा। कार्रवाई के डर से सभी एक होने लगे हैं। देश में भाजपा के पक्ष में लहर चल रही है।
- (नई दुनिया /जागरण से साभार)