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अपराधों का प्रतिहार है अंतरराष्ट्रीय न्याय

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आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने और पीड़ितों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस। जो युद्ध अपराधों, नस्लीय हत्या और मानवता के खिलाफ अपराधों के पीड़ितों के लिए प्रतिरक्षा के खिलाफ लड़ने के महत्व को दर्शाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने और पीड़ितों के अधिकारों को बढ़ावा देने का दिवस है। आइए, जानते हैं इसका इतिहास, महत्व और इसकी थीम।

अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस पर विशेष @ डॉ.केशव पाण्डेय

हर साल 17 जुलाई के दिन विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है। विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस या अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस भी कहा जाता है। आज दुनिया भर में इसे मनाया जा रहा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने और पीड़ितों के अधिकारों को बढ़ावा देने का दिवस है।
इसके इतिहास की बात करें तो पाते हैं कि 17 जुलाई 1998 को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के रोम संविधि नामक एक संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए 120 देश एक साथ आए। इस स्थापना को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के रूप में जाना जाने लगा, जो एक जुलाई 2002 को अस्तित्व में आया। रोम संविधि पर हस्ताक्षर करने का जश्न मनाने के लिए ही इसे हर साल अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य पीड़ितों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके न्याय का समर्थन करने के लिए सभी को एकजुट करना है। यह दिन मौलिक मानवाधिकारों की वकालत और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
इस दिवस को हर वर्ष एक निर्धारित थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष “सामाजिक न्याय के लिए बाधाओं पर काबू पाना और अवसरों को उजागर करना ” थीम पर मनाया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस का उद्देश्य आईसीसी के प्रयासों की सराहना करना और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय को बढ़ावा देने में सभी को एकजुट करना है। आईसीसी ने मुख्य रूप से मानवता के खिलाफ अपराध, नरसंहार, युद्ध अपराध और आक्रामकता के अपराध पर ध्यान केंद्रित किया।
इस दिवस को महत्व को दर्शाने के लिए दुनिया भर में जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं। इसमें न्यूज चैनल, समाचार-पत्र, रेडियो और इंटरनेट के माध्यमों का उपयोग किया जाता है। बहुत से संगठन समूह किसी खास तरह के मुद्दे जैसे युद्ध पीड़ितों को न्याय, अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद आदि पर जागरुकता अभियान चलाते हैं। इसके अलावा लोग ब्लॉग्स के जरिए अपने क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय न्याय संबंधी समस्या पर लेख लिख कर जागरुकता फैलाने का काम भी करते हैं। मौजूदा हालातों में दुनिया के 139 देश इस समझौते का हिस्सा बन चुके हैं। सभी देश जो क़ानून को अपनाने के लिए सहमत हुए थे, वे बहुत गंभीर अपराधों के अभियोजन के संबंध में आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायलय का गठन शांति और कानून के शासन की स्थापना के उद्देश्य से किया गया था। ऐसे में कहा जा सकता है कि वैश्विक अपराधों का प्रतिहार है अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस।

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