— मुख्यमंत्री ने नर्मदापुरम क्षेत्र के उद्योगपतियों से उज्जैन से किया वर्चुअल संवाद, सभी को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए किया आमंत्रित
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार सात दिसंबर को नर्मदापुरम में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से पहले नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल के उद्योगपतियों से उज्जैन से वर्चुअल संवाद किया।
उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में उद्योगपतियों का स्वागत है। हमारी मंशा है कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सबसे पहले स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिले और वर्तमान में संचालित उद्योगों का विस्तार करने में सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं।“
कलेक्टरों को सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि उद्योगपतियों को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। “उद्योगपतियों की सहायता से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है और रोजगार के नए अवसर सृजित होते हैं। आप सभी आगे आएं, नए उद्योग स्थापित करें और युवाओं को रोजगार देकर प्रदेश के विकास में सहभागी बनें।“
— स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उद्योगों को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारा प्राथमिक उद्देश्य है कि सबसे पहले स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिले। इसके बाद राज्य, राष्ट्रीय और अंततः अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उद्योगपतियों को अवसर दिया जाएगा। आरआईसी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और इसे हमने बहुत बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया है।“
निवेश और विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदापुरम क्षेत्र में कृषि उत्पादन और खाद्य प्र-संस्करण के साथ अन्य सेक्टर में भी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उद्योगपतियों से अपील की कि वे अपने मौजूदा व्यवसायों के साथ नए उद्योग क्षेत्रों में भी निवेश करें। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उद्योगपतियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आपके सहयोग से ही क्षेत्रीय विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।“
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट समग्र प्रयास
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि नर्मदापुरम के बाद जनवरी में शहडोल में भी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जायेगी। इन सम्मेलनों की कड़ी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट तक पहुंचेगी। मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने यूके और जर्मनी दौरे का भी उल्लेख किया, जिसके माध्यम से प्रदेश को 78,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है।