केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी
विधायक दल ने चुना अपना नेता….पूर्व मुख्यमत्री अरविंद के सामने होगी अब बड़ी चुनौती..
नई दिल्ली। दिल्ली की जनता को आखिरकार मंगलवार को अपना नया मुख्यमंत्री मिल ही गया। भले ही आम आदमी पार्टी के लिए यह बहुत कठिन समय है, लेकिन अरविंद केजरीवाल के इस अहम निर्णय से लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर आतिशी को ही सीएम क्यों बनाया गया। वे सुनीता केजरीवाल को भी मुख्यमंत्री बना सकते थे।
विधायकों ने लगाई अंतिम मुहर
पार्टी के विधायकों की बैठक से पहले यह कयास भी लगाए जा रहे थे कि केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बना सकते हैं, लेकिन आप की बैठक में शायद सुनीता के नाम पर सहमति नहीं बनी। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि अगर सुनीता केजरीवाल दिल्ली की सीएम बनती तो आम आदमी पार्टी पर परिवारवाद का आरोप भी लगता।
मजबूरी या फिर विश्वास
दिल्ली के लिए यह गौरव की बात है कि उन्हें महिला के रूप में तीसरी मुख्यमंत्री मिल रही हैं आतिशी। लेकिन आतिशी को मुख्यमंत्री बनाना केजरीवाल की मजबूरी है या फिर उन्होंने आतिशी पर सबसे ज्यादा विश्वास जताया है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि आतिशी तब से ही पार्टी में है, जब 2013 में आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई थी। ऐसे में केजरीवाल ने सबसे ज्यादा आतिशी पर ही विश्वास जताया है। अब सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री चुनी गई हैं। फिलहाल देश में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं अब आतिशी दूसरी होंगी।
सबसे बड़ा सवाल अब केजरीवाल का क्या ?
अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने सरकारी आवास को छोड़ने की है। वहीं, लोगों के मन में भी यह सवाल है कि क्या केजरीवाल अपने महल जैसे घर को छोड़ देंगे। कानूनी तौर पर देखें तो अब मुख्यमंत्री आवास पर केजरीवाल नहीं बल्कि आतिशी का हक है। लेकिन ऐसे में केजरीवाल को अपना सरकारी घर छोड़ना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, अगर आतिशी ने खुद ही सरकारी आवास लेने से मना कर दिया तो केजरीवाल को अपना महल जैसा घर नहीं छोड़ना पड़ेगा।