अयोध्या एक बार फिर आस्था और भव्यता के अद्भुत संगम की साक्षी बनी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर केसरिया ‘धर्म ध्वजा’ फहराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ दिया। विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ यह अनुष्ठान पूरे मंदिर परिसर में ऊर्जा, उत्साह और भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ। ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ जोड़कर प्रभु श्रीराम को नमन किया।
रामनगरी आज एक बार फिर दिव्यता, भव्यता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की अद्भुत साक्षी बनी।
— Information and Public Relations Department, UP (@InfoDeptUP) November 25, 2025
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर पर धर्म ध्वज के आरोहण ने संपूर्ण देश को गर्व, श्रद्धा और आध्यात्मिक आलोक से सराबोर कर दिया है।#AyodhyaDharmdhwaja pic.twitter.com/mp4uPwWnHx
PM मोदी और मोहन भागवत ने मिलकर किया ध्वजारोहण
ध्वजारोहण प्रक्रिया अत्यंत विशिष्ट और पारंपरिक वैदिक विधि से सम्पन्न की गई। प्रधानमंत्री मोदी के साथ RSS प्रमुख मोहन भागवत भी शिखर ध्वजा चढ़ाने के दौरान मौजूद रहे। दोनों ने एक विशेष यांत्रिक सिस्टम के जरिए चक्का घुमाकर ध्वजा को शिखर तक पहुंचाया। चार मिनट तक चली इस प्रक्रिया के दौरान पूरा मंदिर परिसर “जय श्री राम” के उद्घोष और मंत्रोच्चार से गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी बेहद श्रद्धा से पूरे अनुष्ठान में सहभागी बने।
श्री अयोध्या धाम में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर पर ध्वजारोहण एक यज्ञ की पूर्णाहुति नहीं, बल्कि एक नए युग का शुभारंभ है।
भारत के भाग्य को वैश्विक मंच पर एक नई ऊंचाई प्रदान करने वाले आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी एवं हमारे विचार परिवार के मुखिया,… pic.twitter.com/xHzZE4cwJm— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2025
राम मंदिर का शिखर कितने फीट ऊंचा
श्रीराम मंदिर की भव्यता का अंदाज़ा उसके मुख्य शिखर को देखकर लगाया जा सकता है, जिसकी ऊंचाई जमीन से 161 फीट है। शिखर के शीर्ष पर 30 फीट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया है, जिस पर विशाल केसरिया धर्म ध्वजा फहराई गई है। यह ध्वजा इतनी ऊंचाई पर है कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी स्पष्ट दिखाई देगी।
अयोध्या में उमड़ा आस्था का सैलाब
धर्म ध्वजा के फहराते ही पूरा परिसर दिव्यता और भावनाओं से भर उठा। भक्तों ने इस ऐतिहासिक क्षण को जयकारों के साथ मनाया। राम मंदिर के शिखर पर लहराती यह ध्वजा न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह अयोध्या की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का गौरव भी है।