🚨 कैसे हो रही घुसपैठ, और क्या है डिपोर्ट की प्रक्रिया?
📍 नई दिल्ली।
राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मई महीने के विशेष निगरानी अभियान के दौरान उत्तर-पश्चिम जिले से 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
🕵️♂️ घुसपैठ का पूरा नेटवर्क हुआ उजागर
डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी नागरिक कूच बिहार के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे और प्रारंभ में हरियाणा के नूंह इलाके में दिहाड़ी मजदूरी कर रहे थे। लेकिन मजदूरी में गिरावट के चलते ये सभी लोग दिल्ली आ गए और फैक्ट्रियों में काम करने लगे।
इस पूरी घुसपैठ को लेकर पुलिस ने एक गहरे सिंडिकेट नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया है, जिसमें:
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बॉर्डर पार करवाने वाले एजेंट,
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ट्रेन/बस टिकट का इंतजाम करने वाले लोग,
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और जाली दस्तावेज तैयार कराने वाले मॉड्यूल शामिल हैं।
🔍 चार चरणों में होती है अवैध घुसपैठ
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पहला मॉड्यूल (बांग्लादेश में):
घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें जंगलों व ‘डंकी रूट्स’ से भारत में प्रवेश दिलाया जाता है। -
दूसरा मॉड्यूल (भारत की सीमा में):
एंट्री के बाद घुसपैठियों को रेलवे स्टेशन/बस अड्डों तक पहुंचा कर सुरक्षित इलाकों में भेजा जाता है। -
तीसरा मॉड्यूल:
इन्हें कोलकाता जैसे शहरों में ले जाया जाता है जहां पूछताछ की संभावना कम हो। -
चौथा मॉड्यूल:
दिल्ली या अन्य शहरों में इनके लिए रहने की व्यवस्था की जाती है और कूड़ा बीनने या रिक्शा चलाने जैसे काम दिलाए जाते हैं। यहीं इनके फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए जाते हैं।
⚖️ क्या है डिपोर्ट की प्रक्रिया?
पुलिस जब किसी अवैध नागरिक को पकड़ती है तो सबसे पहले उसके दस्तावेजों की वैधता की जांच की जाती है। यदि दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं और व्यक्ति का भारत में प्रवेश अवैध साबित हो जाता है, तो उसे FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को सौंप दिया जाता है, जो आगे डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को अंजाम देता है।
अब तक दिल्ली पुलिस:
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1000 से ज्यादा बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर चुकी है
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500 से अधिक की पहचान हो चुकी है, जिनकी डिपोर्ट प्रक्रिया जारी है
📊 जिलेवार आंकड़े
जिला | डिपोर्ट किए गए |
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उत्तरी बाहरी दिल्ली | 127 |
बाहरी दिल्ली | 99 |
दक्षिण पूर्वी दिल्ली | 64 |
दक्षिण पश्चिम दिल्ली | 60 |
उत्तरी दिल्ली | 68 |
सेंट्रल दिल्ली | 58 |
द्वारका | 48 |
रोहिणी | 15 |
उत्तर पश्चिम | 31 |
शाहदरा | 6 |
पूर्वी दिल्ली | 7 |
नई दिल्ली | 4 |
🧠यह संख्या लगातार बढ़ रही है क्योंकि पहचान और वेरिफिकेशन ड्राइव तेज़ कर दी गई है, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद।