भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु-गुणवत्ता (AQI) की निरंतर गिरावट के बीच राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। उस दिशा में प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं।
क्या है एडवाइजरी?
- सरकार ने Commission for Air Quality Management (CAQM) के निर्देशों के अनुसार निजी कार्यालयों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
- इस एडवाइजरी के तहत, अब निजी दफ्तरों में 50 % तक कर्मचारियों को ही ऑन-साइट (ऑफिस में) काम करने की अनुमति होगी, बाकी कर्मचारी घर-से काम (वर्क-फ्रॉम-होम) कर सकेंगे।
- यह निर्देश तुरंत लागू करने के लिए कहा गया है।
- इसके पीछे मुख्य मकसद है दिल्ली की बिगड़ती वायु-गुणवत्ता को नियंत्रण में लाना।
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प्रमुख बिंदु
- निजी कार्यालयों में शाखाएं और टीमों तक इस निर्देश को तुरंत पहुँचाना होगा तथा इसका अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
- सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में बदलाव करते हुए, ग्रैप-3 के तहत ग्रैप-4 की कुछ पाबंदियां लागू की हैं।
- अब सरकारी, निजी व नगरपालिका कार्यालयों में 50 % कर्मचारी ही कार्यालय में आएँगे, बाकी घर से काम करेंगे।
- यह नियम पूरे NCR (नेशनल कैपिटल रीजन) में लागू होगा — जिसमें दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद शामिल हैं।
- इसका उद्देश्य ट्रैफिक व वाहनों के उपयोग को कम कर, प्रदूषण में कुछ कमी लाना है।
- यदि वायु-गुणवत्ता और भी बिगड़ती है, तो आगे कार्यालय उपस्थिति और भी कम हो सकती है, स्कूल बंद हो सकते हैं व अन्य एहतियाती कदम उठाए जा सकते हैं।
क्यों उठाया गया यह कदम?
- दिल्ली में इन दिनों वायु-गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ अथवा कुछ इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँच रहा है।
- उच्च AQI को स्वास्थ्य के लिये खतरनाक माना जाता है—जैसा कि AQI > 300 ‘बहुत खराब’ व > 400 ‘गंभीर/हैज़ार्डस’ श्रेणियाँ दिखाती हैं।
- विशेषज्ञों के अनुसार आनेवाले हफ्तों में मौसम व अन्य कारकों की वजह से वायु-गुणवत्ता और भी बिगड़ सकती है।
- ऐसे में कार्यालयों में उपस्थिति कम करके, वाहन-प्रयोग घटाकर, ट्रैफिक व उत्सर्जन को कम करने का यह इंतज़ाम एक तात्कालिक कदम है।
इस एडवाइजरी का असर
- निजी कार्यालयों में 50 % कर्मचारियों को ऑन-साइट आने की अनुमति होगा; बाकी वर्क-फ्रॉम-होम करेंगे।
- इससे ट्रैफिक व वाहन-उपयोग में कमी आएगी, जो प्रदूषण-स्तर घटाने में मदद कर सकती है।
- हालांकि, ध्यान देने योग्य बात है कि यह एडवाइजरी अनिवार्य नहीं है— सरकार ने इसे “सलाह” के रूप में जारी किया है, न कि हर कार्यालय पर कानूनी पाबंदी के रूप में।
- यदि एयर क्वालिटी में सुधार नहीं होता या और बिगड़ता है, तो आगे और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं — जैसे ऑफिस-उपस्थिति और कम करना, स्कूल-छुट्टी, निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी आदि।
आपके लिये- क्या करना चाहिए?
- कार्यालय में तय ऑन-साइट कर्मचारियों की संख्या को सुनिश्चित करें कि 50 % से अधिक ना हो।
- कर्मचारियों को घर-से काम करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें — इंटरनेट, सुरक्षित वीपीएन, ऑन-लाइन मीटिंग्स आदि।
- कार्यालय आने-जाने का ट्रैफिक कम करें — साझा वाहन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प अपनाएँ।
- घर-पर वर्किंग कर्मचारी को सुरक्षित व स्वच्छ-हवा वातावरण सुनिश्चित करें।
- वायु-गुणवत्ता को नियमित रूप से मॉनिटर करें — AQI ऐप्स, वेबसाइट्स आदि देखें।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु-प्रदूषण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, यह कदम महत्वपूर्ण है। हालांकि यह केवल एक प्रारंभिक उपाय है — लंबे समय तक वायु-गुणवत्ता सुधारने के लिए व्यापक और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता होगी। कार्यालय-उपस्थिति नियमन, वाहन-उपयोग में कमी, उद्योग व निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण सभी मिलकर काम करेंगे।