दिल्ली सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने की नीति को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। सरकार के मुताबिक, इस नीति से उन परिवारों को राहत मिलेगी जो पिछले 18 वर्षों से रोजगार सहायता का इंतजार कर रहे थे।
नई नीति के तहत पीड़ितों के आश्रितों जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है और जो नौकरी करने में सक्षम नहीं हैं उन्हें परिवार के किसी अन्य सदस्य जैसे बेटा, बेटी, बहू या दामाद को नौकरी के लिए नामित करने का अधिकार दिया गया है। यह प्रावधान लंबे समय से अटके मामलों के समाधान की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आयु सीमा में राहत देने के साथ-साथ शैक्षिक योग्यता में भी छूट दी जा रही है, ताकि कोई भी पात्र परिवार रोजगार सहायता से वंचित न रहे। इसके अलावा, सत्यापन प्रक्रिया, शिकायत निवारण और विभागीय आवंटन के लिए एक पारदर्शी और सुव्यवस्थित तंत्र स्थापित किया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों और कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई यह नीति दंगा पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है।