देश की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डाला प्रकाश

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देश की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डाला प्रकाश

भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा और आर्थिक ताकत में लगातार वृद्धि हो रही है। इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अपनी बात रखी। यह कार्यक्रम पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की नई किताब ‘आफ्टर मी, कैओस : एस्ट्रोलॉजी इन द मुगल एम्पायर’ के विमोचन अवसर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।

भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और वैश्विक प्रतिष्ठा

कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह तेजी से तीसरे स्थान पर पहुँचने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा, “भारत में राजनीतिक स्थिरता है, जो दक्षिण एशिया के कई अन्य देशों की तुलना में बहुत मजबूत है। हमारे देश की राजनीतिक स्थिरता ही हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा और आर्थिक विकास की नींव है।”

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि उसके भविष्य के बारे में केवल भगवान ही जानते हैं। उन्होंने आगे कहा, “अगर आप दक्षिण एशियाई देशों की स्थिति पर गौर करें, तो आपको भारत की स्थिरता और मजबूती का स्पष्ट अंदाजा होगा। यह ही वजह है कि विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय विश्वास भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ा रहा है।”

अजीत डोभाल ने अकबर की लेखन शैली की सराहना की

कार्यक्रम में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी एमजे अकबर की किताब की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह किताब इतिहास और संस्कृति की अनोखी झलक प्रस्तुत करती है। डोभाल ने बताया कि किताब मुगल काल में सामाजिक और राजनीतिक घटनाओं को समझने का नया दृष्टिकोण देती है और यह शोध आधारित लेखन का उत्कृष्ट उदाहरण है।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय साहित्य में योगदान को किया उजागर

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एमजे अकबर की लेखनी की तारीफ करते हुए कहा कि वह भारतीय साहित्य जगत में एक विशिष्ट और चमकता हुआ व्यक्तित्व हैं। सिंधिया ने कहा, “अकबर साहब एक विद्वान की गंभीरता और एक कथाकार की सुंदरता दोनों को अपने लेखन में समेटते हैं। उनकी किताबें न केवल इतिहास और संस्कृति की समझ देती हैं, बल्कि साहित्यिक दृष्टि से भी बेहद समृद्ध हैं।”

कार्यक्रम का समापन और संदेश

इस कार्यक्रम ने भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति और आर्थिक शक्ति को उजागर किया। साथ ही, भारतीय साहित्य और इतिहास में एमजे अकबर के योगदान को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम में आए सभी वरिष्ठ अतिथियों ने यह स्वीकार किया कि भारत की स्थिर राजनीतिक व्यवस्था और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत और भरोसेमंद देश के रूप में प्रस्तुत करती है।

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