अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, का 5वां दीक्षांत समारोह आयोजित
ग्वालियर । अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान का 5वां दीक्षांत समारोह संस्थान के नवीन कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। अतिथियों ने 291 डिग्री धारियों में से 180 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की।
समारोह के मुख्य अतिथि परसिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आनंद देशपांडे थे। अध्यक्षता निदेशक एवं शासी मण्डल अध्यक्ष प्रो. श्रीनिवास सिंह ने की।ं आईआईआईटी इलाहाबाद के निदेशक प्रो. मुकुल सुतावन विशिष्ट अतिथि थे। नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत एवं इंफ़ोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष व सांसद सुधा मूर्ति (अनुपस्थित) को डीएससी (ऑनोरिस कॉसा) की डिग्री से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि आनंद देशपांडे ने स्नातक होने वाले विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह दीक्षांत समारोह आपकी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह आपके धैर्य और कड़ी मेहनत का उत्सव है। सभी चुनौतियों के बावजूद, आप आज यहां हैं क्योंकि आपने सभी कठिनाइयों को पार कर लिया है, और आज आपकी जीत का जश्न मनाया जा रहा है। बस कंप्यूटर, इंटरनेट और सेल फोन के बिना जीवन की कल्पना करें। मुझे अपना सेल फोन 90 के दशक के अंत में मिला, 25 साल से भी कम समय पहले। इन परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी और चुनौती होगी।

उन्होने महात्मा गांधी जी के इस विचार को रखा- “आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाती हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं। प्रो. एस एन सिंह ने कहा कि एबीवी आई ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर देश का ऐसा पहला संस्थान है जिसने 2024 में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को डिग्री प्रदान की है। कार्यक्रम का संचालन दीपा सिसोदिया ने तथा कुलसचिव कृष्ण कुमार तिवारी ने आभार व्यक्त किया।
291 डिग्री वाले मौजूद रहे 180
समारोह में संस्थान के 291 डिग्रीधारियों में से 180 विद्यार्थी मौजूद रहे। पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे युवक-युवतियों ने अतिथी के हाथों से डिग्री प्राप्त की तो नजारा आनंदित करने वाला रहा। अपने बेटे-बेटी को विधिवत डिग्री हासिल करते हुए अभिभावकों की खुशी का भी ठिकाना नहीं रहा। पांच विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और दो को सीताराम जिंदल स्वर्ण पदक दिया गया। इसके अलावा संस्थान में एक दानदाता की माताजी स्वर्गीय श्रीमती गुजरा सिंह की यादगार में गुजरा सिंह मेमोरियल गोल्ड मेडल प्रथम बार स्थापित किया गया जो कि उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ आईएमटी प्रोजेक्ट टॉपर की एक छात्रा शांभवी शांडिल्य को प्रदान किया गया।