ग्वालियर में बेटियों की सुरक्षा और उनकी भावनाओं को सम्मान देने के लिए महिला पुलिस अधिकारियों ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है। महिला आईपीएस अनु बेनीवाल ने शहर की बच्चियों और छात्राओं के लिए “मुस्कान की टोकरी” नामक अभियान लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से बेटियाँ अपने मन की बात बिना डरे, बिना झिझक सुरक्षित तरीके से साझा कर सकेंगी।
इस अभियान के तहत महिला आईपीएस अनु बेनीवाल और उनकी टीम स्कूल, कॉलेज तथा अन्य संस्थानों में खुद ‘मुस्कान की टोकरी’ लेकर जाएँगी। छात्राएँ इस टोकरी में अपनी परेशानियाँ, शिकायतें, डर, मन की बात या किसी भी तरह के उत्पीड़न से जुड़ी जानकारी पर्ची पर लिखकर डाल सकेंगी।
सबसे खास बात यह है कि सभी शिकायतें पूरी तरह गोपनीय रखी जाएँगी। जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, उन्हें भी शिकायतकर्ता का नाम या पहचान नहीं बताई जाएगी। इससे छात्राओं के मन में शिकायत वायरल होने या घरवालों तक जानकारी पहुंचने का डर नहीं रहेगा।
इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत ग्वालियर के विजयाराजा गर्ल्स स्कूल से की गई। आईपीएस अनु बेनीवाल खुद मुस्कान की टोकरी लेकर स्कूल पहुँचीं, जहाँ छात्राओं ने दर्जनों पर्चियाँ डालकर अपनी बात साझा की। बच्चियों का कहना है कि यह पहल उन्हें न केवल सुरक्षा का भरोसा देती है, बल्कि अब उनमें बोलने और अपनी बात रखने की हिम्मत भी आएगी।
टोकरी में डाली गई सभी पर्चियों को रोज शाम को महिला आईपीएस अनु बेनीवाल की टीम द्वारा खोला जाएगा, और हर शिकायत व समस्या का तुरंत विश्लेषण कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रयास ग्वालियर पुलिस की संवेदनशीलता और बेटियों की सुरक्षा को लेकर उनकी गंभीरता को दर्शाता है।
ग्वालियर में शुरू हुआ यह अभियान राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में महिला सुरक्षा के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है।