केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित प्रदर्शनी के बने पहले विजिटर
नई दिल्ली। संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जश्न पूरा देश मना रहा है, इसी उपलक्ष में भारतीय डाक विभाग द्वारा दिल्ली के राष्ट्रीय डाक टिकट संग्रहालय में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। सोमवार सुबह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदर्शनी के पहले विजिटर बने जहां उन्होंने प्रदर्शनी देखने के साथ ही बच्चों और कलाकारों से मुलाकात की।
पत्र देख हुए भावुक हुए सिंधिया

डाक विभाग ने प्रदर्शनी में भारतीय संविधान और गणतंत्र पर जारी हुए सभी डाक टिकटों को प्रदर्शित किया है। इसी के साथ कई ऐतिहासिक पत्रों को भी दिखाया जा रहा है। इन्हीं चिट्ठियों में से एक चिट्ठी संविधान के रचयिता बाबा साहेब अंबेडकर की भी शामिल है। जिसे देखकर सिंधिया भावुक हो गए। इस चिट्ठी को देख उन्होंने सभी को पत्र लिखने का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि जो भावना चिट्ठी लिखने में आती है वह ईमेल या एसएमएस में नहीं आती।
पोस्टकार्ड का किया विमोचन
सिंधिया ने संविधान पर डाक विभाग द्वारा प्रकाशित विशेष पोस्टकार्ड का भी विमोचन किया। यह पोस्टकार्ड संविधान की रूपरेखा के अनुरूप ही डिजाइन किया गया है।

बच्चों से मुलाकात और खरीदारी
दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों से भी सिंधिया ने मुलाकात की। इसी के साथ उन्होंने म्यूजियम की दुकान से खरीदारी करते हुए लकड़ी से बने हुए एक मिनी पोस्ट बॉक्स को खरीदारी कर उसका यूपीआई से भुगतान किया। साथ ही उन्होंने देशभर से आए चार डाक टिकट संग्राहकों से भी बातचीत की।
संविधान देश के विकास का मार्गदर्शक
प्रदर्शनी में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान हमारे देश का ग्रंथ है एवं मार्गदर्शक है और आज डाक विभाग द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम नई पीढ़ी को अपने संविधान को गौरवपूर्ण यात्रा से जोड़ पाएंगे। उन्होंने आमजन से प्रदर्शनी को देखने का आग्रह भी किया।