दुनियाभर में 53 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं।
डायबिटीज के कारण कई अन्य अंगों पर भी गंभीर असर हो सकता है।
मधुमेह या डायबिटीज एक गंभीर और क्रोनिक बीमारी है, जिसका जोखिम दुनियाभार में तेजी से बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में 53 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी के शिकार हैं और अगले दो दशकों में रोगियों की संख्या 80 करोड़ के आंकड़े को छू सकती है। भले ही डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज टाइप-2 वाले हों, पर ये कई प्रकार की हो सकती है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी भी उम्र का व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हो सकता है, इसलिए सभी लोगों को डायबिटीज के बारे में सही जानकारी होना और इससे बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है।
वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस गंभीर और क्रोनिक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने, इससे बचाव को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है।
डॉक्टर कहते हैं, यदि आपको डायबिटीज है तो सिर्फ आपको यही बीमारी नहीं है, डायबिटीज के कारण कई अन्य अंगों पर भी गंभीर असर हो सकता है और भविष्य में खतरनाक बीमारियों के उत्पन्न होने का जोखिम रहता है। इसलिए जरूरी है कि शुगर के स्तर को नियंत्रित रखा जाए।
कैसे प्रभावित करती है मधुमेह की समस्या?
जिन लोगों को मधुमेह है उनका ब्लड शुगर अक्सर सामान्य से अधिक बना रह सकता है। हम जो भोजन करते हैं उससे ग्लूकोज मिलता है जिससे शरीर को काम करने की उर्जा मिलती है। इंसुलिन नामक एक हार्मोन ग्लूकोज को आपकी कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। टाइप-1 डायबिटीज में आपका शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता है वहीं टाइप-2 डायबिटीज में आपका शरीर या तो इंसुलिन नहीं बनाता या इसका सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है। पर्याप्त इंसुलिन के बिना, ग्लूकोज आपके रक्त में बढ़ने लगता है।
समय के साथ बढ़े हुए शुगर के कारण हृदय, आंखों, किडनी और रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंच सकती है।
कम हो सकती है आंखों की रोशनी
बढ़े हुए शुगर लेवल के कारण डायबिटीज रोगियों को आंखों से संबंधित समस्याओं का खतरा अधिक हो सकता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर आंखों में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसे डायबिटिक रेटेनोपैथी के रूप में जाना जाता है। रेटिना में रक्त वाहिकाओं को पहुंचने वाले नुकसान के कारण दृष्टि हानि या अंधापन हो सकता है। मधुमेह वाले लोगों में यह सबसे आम नेत्र रोग है।
शुगर के कारण आंख के लेंस में धुंध जैसा निर्माण हो सकता है जिससे आपको स्पष्ट देखने में दिक्कत होने लगती है। मधुमेह रोगियों में मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
किडनी फेलियर का जोखिम
आंखों के अलावा डायबिटीज के शिकार लोगों में किडनी की बीमारी होने का खतरा भी अधिक होता है। किडनी में रक्त वाहिकाओं को होने वाली क्षति के कारण समय के साथ किडनी ठीक तरीके से काम करना बंद कर देती है। मधुमेह से पीड़ित लोगों में उच्च रक्तचाप का भी खतरा अधिक होता है, जिसका भी किडनी की सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है।
डायबिटीज के कारण मूत्र में कीटोन्स का स्तर असामान्य हो जाता है। इसकी मात्रा बढ़े रहने के कारण किडनी फेलियर होने का खतरा काफी बढ़ सकता है।
जानलेवा हो सकती हैं हृदय की बीमारियां
डायबिटीज के शिकार लोगों में समय के साथ हृदय रोगों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है, जिसे वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।
हाई ब्लड शुगर के कारण हृदय में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा इनमें वसा जमा होने की आशंका भी बढ़ जाती है। यह हृदय से रक्त ले जाने वाली वाहिकाओं को अवरुद्ध और क्षतिग्रस्त कर सकती है जिससे हार्ट अटैक होने का जोखिम बढ़ जाता है। यही कारण है कि डायबिटीज रोगियों को अपने शुगर लेवल को कंट्रोल रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह दी जाती है।