विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस आज
क्या आप जानते हैं कि भारत में उपभोक्ताओं के अधिकार क्या हैं? उपभोक्ता अधिकार की परिभाषा सूचना का अधिकार है। अमेरिका से लेकर हमारे देश में उपभोक्ताओं के हितों के लिए सरकारों ने बेहतर अधिनियम बनाए हैं। जो कि अधिकारों के प्रति सजग करने के साथ ही उन्हें संरक्षण के दायरे में लाते हैं। जागो… ग्राहक… जागो…अभियान इसी अधिकार का हिस्सा है। उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है तो आइए जानते हैं इस दिवस का इतिहास, उद्देश्य और इस साल की थीम।
डॉ. केशव पाण्डेय
15 मार्च को प्रति वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। विश्व स्तर पर मौजूद उपभोक्ता समुदाय को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल उपभोक्ता अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा की गई थी। दिवस को मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं की शक्ति, उनके लिए उचित अधिकार और सभी के लिए सुरक्षित और स्थाई बाजार की वकालात करना है।
तो, सबसे पहले हम जानते हैं इसका इतिहास और शुरूआत : 1960 में स्थापित की गई उपभोक्ता अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सर्व प्रथम इस दिवस को मनाने की पहल की। 15 मार्च 1962 में अमेरिकी संसद में उपभोक्ता अधिकार विधेयक प्रस्तुत किया गया। अपने भाषण में राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने कहा था- यदि उपभोक्ता को घटिया सामान दिया जाता है, और कीमतें बहुत अधिक है, दवाएं असुरक्षित और बेकार हैं, उपभोक्ता सूचना के आधार पर उत्पाद चुनने में असमर्थ है तो उसका डॉलर बर्बाद हो जाता है। उसकी सेहत और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और इससे राष्ट्रीय हित का भी नुकसान होता है।
राष्ट्रपति ने अपने व्यक्तव्य में निम्न उपभोक्ता अधिकार की चर्चा की थी : सुरक्षा का अधिकार, सूचित करने का अधिकार, चुनने का अधिकार और सुने जाने का अधिकार। आपको बता दें कि इतिहास में यह तारीख महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा करने वाले वह पहले नेता थे।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के पीछे का इतिहास यह है कि पहला उपभोक्ता आंदोलन 1983 में देखा गया था और तब से प्रत्येक वर्ष महत्वपूर्ण मुद्दों और अभियानों पर कार्रवाई करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इसका नेक उद्देश्य उपभोक्ताओं की रक्षा करना एवं इसके बारे में जागरूकता फैलाना है।
अब बात करते हैं अपने देश की-भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 24 दिसंबर को मनाया जाता है। क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1949 के अधिनियम को स्वीकारा था। हालांकि विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस 15 मार्च को मनाया जाता है। 20 जुलाई 2020 को नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को लागू किया गया। भारत में उपभोक्ता अधिकार की परिभाषा सूचना का अधिकार है।
उपभोक्ता अधिकार दिवस को इस वर्ष एक खास मकसद के साथ मनाया जा रहा है। उपभोक्ता अंतरराष्ट्रीय संस्था के नेतृत्व में हर साल मनाये जाने इस दिवस के लिए वर्ष 2023 में “स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना“ निर्धारित की गई है। थीम के अनुरूप स्वच्छ ऊर्जा के साथ उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए सामान खरीदें तो बिल जरूर लें, इसके तहत बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाजार में होने वाली ठगी, मिलावट, एमआरपी से ज्यादा दाम, बिना तोले सामान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना और एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल न देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करना है।
इनके अलावा ग्राहकों को अपनी जिम्मेदारियों एवं अधिकारों के बारे में बताने और जागरूक करने के लिए इस दिन विश्व स्तर पर अनेक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इस दौरान लोगों को उपभोक्ता अधिकारों एवं कानूनों के बारे में विस्तार से समझाया जाता है और उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने की जानकारी भी दी जाती है। क्योंकि अब देश में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने लिए जागो ग्राहक जागो जैसे अभियान के सकारात्मक परिणाम भी सामने लगे हैं। यही वजह है कि अब शहर ही नहीं गॉव के लोग भी सजग हुए हैं और वक्त के साथ जागने लगे हैं उपभोक्ता।