— मुख्यमत्री डॉ. यादव ने राज्यपाल के साथ मिलकर किया बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के डिजिटल मार्कसीट और डिग्री वितरण प्रणाली का शुभारंभ
— दीक्षांत समारोह स्वर्ण पदक विजेताओं को किया सम्मानित और शोधार्थियों को प्रदान की उपाधि
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विद्यार्थी जीवन में दीक्षांत शपथ का हर दिन मनन करें, सत्य का हमेशा पालन करें। अपने माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा युवाओं को उनकी मौलिक प्रतिभा को निखारने का अवसर देकर विकसित भारत के निर्माण की महती जिम्मेदारी सौंपी है। शिक्षक इस दिशा में विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन करें। स्वयं को नवीनतम ज्ञान और तकनीक से अपडेट रखें। चुनौतियों के समाधान के लिए उन्हें प्रेरित करें।

राज्यपाल ने यह बात पटेल कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, कुलगुरू प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन प्रमुख रूप से मौजूद थे।
राज्यपाल पटेल तथा मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिजिटल मार्कशीट और डिग्री प्रदान करने की व्यवस्था का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विद्यार्थी तनु गुलाटी को डिग्री और अनुपमा कुजूर को पीएचडी की उपाधि डिजिटल स्वरूप में प्रदान की गई। इसके साथ ही विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिजिटल मार्कशीट और डिग्री उपलब्ध कराने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवाचार के लिए विश्वविद्यालय को बधाई और शुभकामनाएं दी। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्नातक, स्नातकोत्तर तथा अन्य उच्चतर एकेडमिक स्तरों पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। युवा, विकसित भारत निर्माण के कर्णधार
राज्यपाल पटेल ने पीएम-ऊषा योजना के तहत नवीनतम शोध सुविधाएं, अधोसंरचनात्मक विकास, तकनीकी उन्नयन और नवाचारों के लिए प्राप्त हुई 100 करोड़ रुपये की राशि के लिए बधाई देते हुए कहा कि युवा,विकसित भारत के निर्माण के कर्णधार हैं। युवाओं में अपार ऊर्जा, क्षमता और भविष्य निर्माण की असीम सम्भावनाएं हैं, जरूरत मजबूत इच्छा शक्ति, मेहनत, धैर्य और लगन की है। ईमानदार और प्रतिबद्ध प्रयासों की निरंतरता द्वारा चुनौतियों को अवसर में बदला जा सकता है।
दीक्षांत समारोह महत्वपूर्ण पड़ाव : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को उपाधियां निःशुल्क रूप से प्रदान करने की घोषणा की और कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन से दीक्षित होने के बाद संसार से जुड़ने का महत्वपूर्ण पड़ाव है।
संस्कारों का करें निर्वहन
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि विद्यार्थी, भारतीय संस्कृति के अनुरूप संस्कारों का निर्वहन करते हुए जीवन पथ पर अग्रसर हों और देश के परिवेश को सकारात्मक बनाए रखने में हर संभव योगदान दें। नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा पर विशेष ध्यान दिया गया है। विद्यार्थियों को प्रदान की गईं उपाधियां
कुलगुरु जैन ने विद्यार्थियों को दिए उपदेश में शपथ का वाचन कराया। शपथ के अंतर्गत तैतरेय उपनिषद के 11 वें अनुच्छेद से लिए गए अंश का संस्कृत में विद्यार्थियों से वाचन कराया गया।