🌊 बैसली नदी के पुनर्जीवन के लिए उठे जन हाथ
ग्वालियर की मुरार नदी, जिसे स्थानीय रूप से बैसली नदी के नाम से जाना जाता है, के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए जन सहभागिता लगातार बढ़ती जा रही है। इस कार्य को जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है और यह अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है।
🤝 जन अभियान परिषद के स्वयंसेवकों का श्रमदान
सोमवार को बैसली नदी के किनारे जन अभियान परिषद से जुड़ी नवांकुर संस्था ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’, विभिन्न प्रस्फुटन समितियों और स्थानीय विद्यार्थियों ने मिलकर नदी की गहराई बढ़ाने और सफाई का कार्य किया। इस दौरान पौधारोपण कर उन्हें ट्रीगार्ड और कांटों की बाड़ लगाकर सुरक्षित किया गया।
📍 कहां हुआ यह श्रमदान?
यह आयोजन हुरावली चौराहे के समीप संपन्न हुआ, जहां सैकड़ों स्वयंसेवकों ने न सिर्फ शारीरिक श्रमदान किया, बल्कि जल संरक्षण और संवर्धन का संकल्प भी लिया।
🗣️ जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
इस आयोजन में जन अभियान परिषद के संभागीय अध्यक्ष सुशील बरूआ, जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र दीक्षित और अनेक सेवाभावी नागरिक मौजूद रहे। सभी ने मिलकर जल संरक्षण की शपथ ली और हर स्वयंसेवक ने कम से कम पाँच नए लोगों को अभियान से जोड़ने का संकल्प भी लिया।
🌱 जल संरक्षण ही सतत भविष्य की कुंजी
बैसली नदी संरक्षण जैसे प्रयास यह दर्शाते हैं कि स्थानीय सहभागिता और समाज की जागरूकता किसी भी प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकती है।