कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
ग्वालियर।
जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के ज़रिए चलाई जा रही महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की धीमी रफ्तार पर कलेक्टर रुचिका चौहान ने कड़ा रुख अपनाया है। योजनाओं की समीक्षा के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आईं, जिस पर उन्होंने विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक और 4 बाल विकास परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को आयोजित समीक्षा बैठक में टेक होम राशन, ई-केवाईसी, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, और पोषण ट्रैकर एप सहित कई योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इन योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित विभाग आपस में समन्वय बनाएं।
🔍 किन पर गिरी गाज?
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डबरा परियोजना में 2 से 5 साल के बच्चों का वजन नापा नहीं गया – अधिकारी अमित यादव को नोटिस
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मुरार व शहरी क्रमांक 4 में टेक होम राशन का वितरण कम – अधिकारियों सुनील शर्मा व दीपिका रावत को नोटिस
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घाटीगांव परियोजना में पोषण ट्रैकर एप में ई-केवाईसी और आधार अपडेट न होने पर ज्ञानेन्द्र शर्मा को नोटिस
🤝 कलेक्टर ने दिए खास निर्देश
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गर्भवती महिलाओं का 100% पंजीयन सुनिश्चित करें – महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग मिलकर करें काम
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कम वजन वाले बच्चों की ग्राम पंचायतवार सूची तैयार कर, समुदाय की भागीदारी से कुपोषण दूर करें
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फुटपाथ पर रहने वाली महिलाओं को भी आंगनबाड़ी से जोड़ें, उन्हें रैन बसेरे में आश्रय दिलाएं
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संस्थाओं में रह रहे सभी बच्चों का जल्द आधार कार्ड बनवाएं, ज़रूरत हो तो तहसीलदार का प्रमाण-पत्र लें
📢 बाल भिक्षावृत्ति और लिंगानुपात सुधार पर ज़ोर
कलेक्टर ने कहा कि पुलिस की मदद से बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान को तेज़ी से चलाया जाए और इन बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जाए। साथ ही, पीसी-पीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन हो ताकि बेटियों के प्रति समाज में संतुलन और सम्मान बना रहे।
🧒 हर जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचे मदद
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या पिता नहीं हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना और स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ ज़रूर मिले। इन योजनाओं के तहत पात्र बच्चों को हर महीने ₹4,000 की आर्थिक मदद दी जाती है।
📌 निष्कर्ष:
कलेक्टर रुचिका चौहान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना होगा कि दिए गए निर्देशों पर अमल कितनी तेज़ी से होता है।