प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में हुआ आयोजन
ग्वालियर। प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सद्भावना दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सोमवार को आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों को डॉ. अंबेडकर की नीतियों, विचारों और उनके संवैधानिक योगदान से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य: एकता और संविधान के प्रति जागरूकता
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य संस्थान के छात्रों और छात्राओं को बाबा साहेब अंबेडकर की नीतियों से परिचित कराना तथा समाज में सद्भाव और एकता के साथ रहने की प्रेरणा देना था
संविधान निर्माण में बाबा साहेब का योगदान: निदेशक डॉ. निशांत जोशी
संस्थान के निदेशक डॉ. निशांत जोशी ने बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर का हमारे संविधान के निर्माण में अहम योगदान रहा है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने विद्यार्थियों से समाज में मिलजुल कर रहने और समरसता बनाए रखने का संदेश भी साझा किया।
संविधान: हमारे अधिकार और कर्तव्यों की रक्षा का माध्यम
संस्थान की उप निदेशिका डॉ. तारिका सिंह सिकरवार ने कहा कि हमारा संविधान न केवल हमें अधिकार देता है बल्कि कर्तव्यों की ओर भी जागरूक करता है। इसी के माध्यम से हम एक सद्भावपूर्ण समाज की स्थापना कर सकते हैं।
आरएसएस अतिथियों ने अंबेडकर के जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएसएस प्रमुख प्रदीप शर्मा, कॉलेज कैंपस प्रमुख आशुतोष भदौरिया, और जिला महाविद्यालय प्रमुख संतोष त्यागी ने बाबा साहेब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को संविधान को समझने और अपनाने की प्रेरणा दी और अंबेडकर के आदर्शों को जीवन में उतारने का संदेश दिया।
राष्ट्रीय सेवा योजना और अन्य इकाइयों की सहभागिता
कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की तीन प्रमुख इकाइयों द्वारा किया गया:
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राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS)
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साहित्य प्रभा क्लब
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इक्वल ऑपर्च्युनिटी सेल
इन इकाइयों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया।
कार्यक्रम में विशेष सहभागिता
इस अवसर पर कई प्रमुख शिक्षक और आयोजक उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:
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राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी आबिल हुसैन
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साहित्य प्रभा क्लब की कोऑर्डिनेटर तान्या माथुर एवं मयूरी जोशी
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इक्वल ऑपर्च्युनिटी सेल की कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रियंका चावला
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स्पोर्ट्स अधिकारी आरएस भदौरिया
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अन्य फैकल्टी मेंबर्स
कार्यक्रम का समापन: राष्ट्रीय गान के साथ
इस सद्भावना दिवस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने भाग लिया और देशभक्ति व सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
✅ निष्कर्ष: बाबा साहेब के विचारों से प्रेरित सामाजिक समरसता का संदेश
यह आयोजन डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को युवाओं तक पहुँचाने और संविधान के प्रति सजगता लाने का एक सशक्त माध्यम बना। छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर यह संदेश दिया कि सामाजिक एकता, समानता और सद्भावना ही भारत की असली शक्ति है।