इन दिनों सोशल मीडिया पर AI जनरेटेड फोटोज का ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है। खासतौर पर इंस्टाग्राम पर Nano Banana AI 3D Figurine और Banana AI Saree ट्रेंड ने धूम मचा दी है। गूगल के Gemini Nano मॉडल पर आधारित यह टूल लोगों की तस्वीरों को या तो खिलौना-जैसे 3D पोर्ट्रेट में बदल देता है या फिर 90 के दशक के बॉलीवुड साड़ी लुक में पेश करता है।
इन AI तस्वीरों में चमकदार प्लास्टिक जैसा टेक्सचर, बड़ी आँखें, फ्लोटिंग शिफॉन साड़ियां और रेट्रो बैकग्राउंड साफ दिखाई देते हैं। लेकिन साथ ही सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि — क्या इस तरह AI से तस्वीरें बनवाना आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा है?
Nano Banana AI टूल क्या है?
- यह गूगल Gemini AI का फोटो एडिटिंग टूल है।
- इससे बने फोटोज इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
- यूजर्स बिना तकनीकी कौशल या पेमेंट के सिर्फ प्रॉम्प्ट से अपनी हाइपर-रियलिस्टिक तस्वीर बना सकते हैं।
- लोग इसमें 3D मॉडल और रेट्रो साड़ी लुक वाली फोटोज सबसे ज्यादा बना रहे हैं।
AI फोटो और प्राइवेसी का खतरा
- किसी भी AI टूल को फोटो देने का मतलब है अपनी पहचान से समझौता करना।
- AI आपके फोटो से न सिर्फ चेहरा बल्कि बैकग्राउंड डिटेल्स, लोकेशन, और आपके साथ मौजूद लोगों की जानकारी भी एक्सट्रैक्ट कर सकता है।
- यूजर्स ट्रेंड में बने रहने की चाहत में यह भूल जाते हैं कि उनकी पर्सनल जानकारी का इस्तेमाल किस तरह हो सकता है।
- AI कंपनियां डेटा सुरक्षा के दावे तो करती हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं करतीं कि आपके फोटो का आगे क्या उपयोग होगा।
Google Gemini की सुरक्षा व्यवस्था
Google Gemini अपने AI विजुअल्स को असली आर्टवर्क से अलग करने के लिए SynthID वॉटरमार्क का उपयोग करता है। यह विजुअल और इनविजिबल दोनों तरह के वॉटरमार्क लगाता है। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई ग्लोबल टूल नहीं है जो इन वॉटरमार्क को पूरी तरह वेरिफाई कर सके।दूसरी ओर, तस्वीरों से वॉटरमार्क हटाना भी आसान है, जिससे दुरुपयोग की संभावना बनी रहती है।