आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर केंद्र सरकार सतर्क दिख रही है। जल्द ही एआई के लिए नए नियम ला सकती है।
डिजिटल डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भारत सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए नियम बनाएगी कि यह ’डिजिटल नागरिकों’ को नुकसान न पहुंचाए।
एआई को लेकर गंभीर है सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले नौ वर्षों में डिजिटलीकरण के मामले में भारत ने कितनी दूर यात्रा की है, इस पर उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर आपराधिकता में काफी वृद्धि हुई है। हम डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे। 85 करोड़ भारतीय इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जिसके 2025 तक 120 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
संसद में पेश होगा पीडीपीबी बिल
मंत्री ने कहा कि गलत मंशा से और किसी की सहमति के बिना इंटरनेट पर व्यक्तियों की निजी जानकारी पोस्ट करना मतलब (डॉकिंग) जैसे अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र को राज्य सरकारों के साथ बेहतर तरीके से काम करना होगा। इसके लिए आवश्यक पहल शुरू करनी होगी।
कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया विधेयक पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श इसी महीने शुरू होगा। नया पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल भी जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।
सैम ऑल्टमैन से मिले पीएम मोदी
ऑपन एआई प्रमुख सैम ऑल्टमैन की बीते रोज प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और वैश्विक विनियमन की आवश्यकता सहित एआई के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। बता दें, भारत के अलावा, ऑल्टमैन इस सप्ताह छह देशों के दौरे पर है, जिसमें इज़राइल, जॉर्डन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। ऑल्टमैन से मुलाकात के बाद एक ट्वीट में, पीएम मोदी ने लिखा कि भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में एआई की क्षमता खासकर युवाओं के बीच बहुत बड़ी है। इससे देश में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
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