शाबास पुलिस : ग्वालियर में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अफसरों ने पेश की मिसाल
बॉर्डर से एक माह के लिए घर आए फौजी को छुट्टी के अंतिम दिन पंचायत में मिला न्याय
— दोनों पक्षों ने जात-पात का भेद भूलाकर एक दूसरे को लगाया ख़ुशी से गले
— ज़मीन के विवाद बनते हैं बड़े अपराध का कारण, काम आया पुलिस का सकारात्मक प्रयास।
ग्वालियर। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह द्वारा ग्वालियर जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारियों व थाना प्रभारियों को सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आमजन से जनसंपर्क बढाने एवं पारिवारिक, संपत्ति या ज़मीनी विवाद की लंबित शिकायतों के निराकरण हेतु निर्देशित किया गया है। इसी के तहत
एडिशनल एसपी कृष्ण लालचंदानी द्वारा अपने अधीनस्थ समस्त सीएसपी, एसडीओपी व थाना प्रभारियों को सामुदायिक पुलिसिंग करने एवं पारिवारिक, संपत्ति या ज़मीनी विवाद की लंबित शिकायतों का निराकरण कराने हेतु निर्देशित किया गया।
परिणाम स्वरूप एसडीओपी बेहट संतोष कुमार पटेल के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में थाना प्रभारी हस्तिनापुर राजकुमार राजावत द्वारा भारतीय सेना में नौकरी करने वाले फ़ौजियों के ज़मीन या प्लॉट संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए ग्वालियर पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत नया प्रयास किया। जिसमें थाना हस्तिनापुर के समझौते वाले हनुमान मंदिर के सामने बैठकर गांव वालों के समक्ष पंचायत की जिसमें दोनों पक्ष ने संतुष्टिपूर्वक समझौता कर लिया और कोर्ट में जाकर नोटरी के माध्यम से अपना पक्ष रख दिया।

यह था पूरा मामला
रविन्द्र सिंह बरेठा जो कि ग्राम सकतपुरा थाना हस्तिनापुर के रहने वाले हैं और बीनागुड़ी पश्चिम बंगाल में फ़ौज पर तैनात हैं। उनके ही पड़ोस के रहने वाले पुलंदर व भूरा परिहार को प्लॉट दिया था जिसमें भूरा ने दोगुने क्षेत्र में कब्जा कर लिया था। जिसको लेकर फ़ौजी रविन्द्र सिंह ने पिछले तीन वर्षों में कई बार प्रयास किए जो परेशान हो गये। प्लॉट व ज़मीन के विवाद को सुलझाने के लिए फ़ौजी ने एक माह की छुट्टी ली थी, जिसके लिए छुट्टी के अंतिम दिन पर समझौते वाले हनुमान मंदिर थाना परिसर हस्तिनापुर में पुलिस थाना प्रभारी व एसडीओपी के द्वारा गांव वालों के समक्ष पंचायत की गई जिसके बाद दोनों पक्ष संतुष्टिपूर्वक राज़ी हो गए और मंदिर के सामने एक दूसरे की जान के दुश्मन ख़ुशी से गले लगा रहे थे। दोनों पक्षों ने कोर्ट में जाकर नोटरी करवायी और समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौते में वीर सिंह दरोग़ा की सराहनीय भूमिका रही। दूसरा मामला चक महाराजपुरा का था जिसमें कुछ माह पूर्व फ़ौजी के घर से 5 लाख रुपए के आभूषण चोरी हुए थे, थाना हस्तिनापुर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए शत प्रतिशत आभूषण तीन दिवस में बरामद कर नजीर पेश की।
Posted by : मंजू सोनी