बदजुबान एसडीएम (अब डिप्टी कलेक्टर) अरविंद माहौर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निलंबित करने के आदेश दिए हंै। साथ ही उन्होंने संभागायुक्त को कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी अपने एक्स हेंडल पर देते हुए लिखा है कि सबलगढ़ के एसडीएम अरविंद माहौर के विरुद्ध महिला से अभद्र व्यवहार एवं नियम विरुद्ध पटवारियों के तबादले करने की गंभीर शिकायतों के संज्ञान में आने के पश्चात एसडीएम को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकरण में संभागायुक्त चंबल को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। जनसेवा में आचरण की मर्यादा से कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है।
यहां बता दें कि माहौर के खिलाफ इसी मंगलवार को जनसुनवाई में जिलाधीश से एक महिला ने शिकायत की थी। महिला ने शिकायत में कहा कि एसडीएम माहौर न केवल उसकी बेटी को रात को मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं बल्कि मोबाइल पर गाली-गलौज भी करते हैं। इतना ही नहीं, उक्त महिला के देवर से भी एसडीएम ने अपने बंगले पर बुलाकर गाली-गलौज की थी। देवर ने एसडीएम से हुई बातचीत को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था और यही रिकॉर्डिंग जनसुनवाई में जिलाधीश को सुनाई थी। इस पर जिलाधीश ने तुरंत संज्ञान लिया और अरविंद माहौर को उसी दिन सबलगढ़ एसडीएम के पद से हटाकर कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त कर दिया। वहीं डिप्टी कलेक्टर मेघा तिवारी को सबलगढ़ एसडीएम बनाकर भेज दिया था।
इसके बाद मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्देश के पालन में चंबल एवं ग्वालियर संभागायुक्त मनोज खत्री ने सबलगढ़ के एसडीएम रहे अरविंद माहौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
संभागायुक्त श्री खत्री ने स्पष्ट किया है कि जनसेवा के दायित्वों के निर्वहन में आचरण की मर्यादा सर्वोपरि है और इस संबंध में किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। माहौर के विरुद्ध एक महिला से देर रात फोन पर अभद्र व्यवहार करने और नियमों के विपरीत पटवारियों के स्थानांतरण करने जैसी गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इन आरोपों की प्राथमिक जांच उपरांत माहौर को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में माहौर का मुख्यालय चंबल संभाग आयुक्त कार्यालय मुरैना नियत किया गया है।
रात में फोन नहीं उठाने पर की थी भृत्य की मारपीट
उल्लेखनीय है कि अधिकारी होने का नशा एसडीएम अरविंद माहौर के सिर चढक़र हमेशा से बोला है। सबलगढ़ में पदस्थापना के दौरान पिछले दिनों उन्होंने एक भृत्य सियाराम आदिवासी की सिर्फ इसलिए मारपीट कर दी थी कि उसने रात 12 बजे उनका मोबाइल नहीं उठाया था। भृत्य ने इस संबंध में सभी जगह शिकायत भी की थी। सबलगढ़ में जनसुनवाई के दौरान एक फरियादी को थप्पड़ मारने की धमकी देना हो। इसके अलावा कुछ माह पूर्व मुरैना के जिला पंचायत सीईओ रहे इच्छित गढ़पाले के विदाई समारोह में पहुंचे अरविंद माहौर से वहां तैनात एक गार्ड ने गाड़ी को सही जगह पार्क करने को कह दिया था। इस बात से श्री माहौर इतने तमतमाए कि उन्होंने न केवल गार्ड से अभद्र भाषा का उपयोग किया बल्कि उसका मोबाइल भी पटककर तोड़ दिया। इसके बाद भी गार्ड को ही माफी मांगनी पड़ी थी। सबलगढ़ पदस्थापना से पूर्व अरविंद माहौर अंबाह एसडीएम रहे थे लेकिन वहां पर भी इनकी अफरशाही वाला रवैया इसी प्रकार का रहा। वहां एक युवक ने इनके बंगले के सामने अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दी थी। इस बात से नाराज श्री माहौर ने उक्त मोटरसाइकिल को अपने बंगले में ही रखवा लिया था। इतना ही नहीं, पोरसा में पटवारी द्वारा कालाबाजारी के लिए ले जाए जा रहे राशन को जब्त कर लिया था लेनिक अरविंद माहौर ने राशन की गाड़ी को छोड़ दिया था।