मकवाना, शर्मा और अरविंद कुमार में किसी एक की खुलेगी लाॅटरी, कोई एक बनेगा डीजीपी
ग्वालियर। प्रदेश में पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) की नियुक्ति को लेकर कवायद शुरू हो गई है। डीजीपी के नाम के लिए पैनल बनाने जल्द ही बैठक होगी। क्योंकि 30 नवंबर को मौजूदा डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर्ड हो रहे हैं।
नये डीजीपी को लेकर अब नामों की चर्चा शुरू हो गई है। 1988 बैच के अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और 1989 बैच के अजय शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं में से कोई नया डीजीपी बन सकता है। नए डीजीपी के नाम के लिए पैनल बनाने जल्द ही एक बैठक होगी। यूपीएससी की इस मीटिंग में मौजूदा डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना और मुख्य सचिव अनुराग जैन भी शामिल होंगे। बैठक में डीजीपी के नाम के लिए पैनल पर मंथन होगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नए डीजीपी के चयन की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को 9 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा है। सरकार की मंशा है सक्सेना के सेवानिवृत होने से पूर्व नये डीजीपी के नाम का ऐलान हो जाए।
तीन दशक की सेवा वालों के भेजे नाम
बताया गया है कि नौ अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए हैं, वे सभी 30 से अधिक वर्षों की सेवा कर चुके हैं। इन अधिकारियों में डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र मकवाना, डीजी ईओडब्ल्यू अजय कुमार शर्मा, डीजी जेल जीपी सिंह, स्पेशल डीजी आरएपीटीसी इंदौर वरुण कपूर, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी उपेंद्र कुमार जैन, स्पेशल डीजी प्रोविजन आलोक रंजन, स्पेशल डीजी महिला सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, और स्पेशल डीजी योगेश शामिल हैं। माना जा रहा है कि अरविंद कुमार, मकवाना और अजय कुमार शर्मा में किसी एक को प्रदेश का नया डीजीपी बनाए जाने की संभावना सबसे अधिक है। इस प्रक्रिया के तहत, भले ही तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी योग्य थे, लेकिन उनके नाम पैनल में शामिल नहीं किए गए हैं। यह अफसर हैं स्पेशल डीजी पुलिस सुधार शैलेश सिंह, स्पेशल डीजी रेल सुधीर कुमार साहीं और स्पेशल डीजी प्रशासन विजय कटारिया। इसका कारण यह है कि ये अधिकारी अगले छह महीने के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं और नियमों के अनुसार, जिन अधिकारियों का कार्यकाल छह महीने से कम का शेष होता है, उनका नाम पैनल में नहीं भेजा शर्मा जाता है।
Posted by : मंजू सोनी
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