आर्टिस्ट हरिकृष्ण कदम की तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी “जॉय ऑफ़ नेचर“ का तानसेन कला वीथिका में हुआ शुभारंभ
ग्वालियर। रंगों का न कोई धर्म होता है और न ही कोई मजहब, लेकिन जब ये आकार लेते हैं तो मन को छू जाता है हर रंग। नीला सुंदर आसमां और हरा भरा जंगल, विशाल पर्वत… कल…कल करती बहती नदियां और धरती का श्रृंगार करते रंग-बिरंगे फूल …. कितना मनोहर और कितना सुंदर है यह दृश्य…. यदि आप भी प्रकृति के कई रंगों को करीब से देखना चाहते हैं तो आपको आना होगा कला वीथिका
जी, हां, पड़ाव स्थित कला वीथिका…जहां शुक्रवार को “जॉय ऑफ़ नेचर“ आर्ट कला प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ।
विश्व रिकाॅर्ड धारक ख्यातिनाम सीनियर आर्टिस्ट हरिकृष्ण कदम की कलाकृतियों की तीन दिवसीय प्रदर्शनी में आप प्रकृति के कई रंगों से रूबरू होकर सुखद अनुभूति का अहसास कर सकते हैं। कदम ने एक्रे्रलिक रंगों के जरिए कैनवास पर अपने मनोभाव को उकेर कर प्रकृति का खूबसूरत चित्रण किया है। जो देखने वालों को धरती से लेकर आसमां और नदी से लेकर पर्वत के साथ ही प्रकृति के विविध रूपों का सजीव साक्षात्कार कराते नजर आते हैं।
तीन दिन तक रहेगी प्रदर्शनी
कला प्रदर्शनी में 48 पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं। कैनवास के साथ पोस्टर पेंटिंग्स भी हैं। यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों के लिए सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक खुली रहेगी। 27 अक्टूबर की शाम समापन होगा।
रंगों से प्रकृति का सुखद संदेश
कला प्रदर्शनी शुभारंभ मुख्यअतिथि संत कृपाल सिंह, वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. केशव पाण्डेय, राजा मानसिंह संगीत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ.साजन कुरियन मैथ्यू, समाज सेवी आरपी माहेश्वरी, प्रख्यात कलाकार प्रकाश सक्सेना, विमल कुमार, हेमराज, ओंकार सिंह व राजेंद्र कुमार ने किया। मुख्य अतिथि संत कृपाल सिंह ने कहा कि रंग जाति और धर्म से परे होते हैं और ये सभी को अपनी प्रकृति के अनुरूप सुखद अहसास कराते हैं। हरिकृष्ण की कलाकृतियों में धरती से आसमां तक… नदी-तालाब से पर्वतों तक प्रकृति के करीब होने का अहसास होता है। समाज सेवी आरपी माहेश्वरी ने कहा कि मैं एक कला प्रेमी होने के नाते पिछले तीन दशक से कदम की कलाकृतियों का प्रशंसक हूं। उनकी शैली और प्रवृति रंगों का ऐसा प्रभाव छोड़ती हैं कि हर कोई देखता ही रह जाता है।

विशिष्ट अतिथि डाॅ.केशव पाण्डेय ने कहा कि रंगों का सतरंगी संसार लोगों को जीने की प्रेरणा देता है। जाॅय आॅफ नेचर विषय ही मन को प्रकृति से साक्षात्कार कराता नजर आता है और चित्रों को देख लगता है जैसे कुछ बोल ही रहे हों। कार्यक्रम का संचालन इवेंट कोऑर्डिनेटर मनोज शर्मा ने तथा आभार व्यक्त डाॅ. संजय धवले ने किया। इस दौरान शैलेंद्र मिश्रा, बृजमोहन आर्य, पवन शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।
आज होगा कला विमर्श
कला प्रदर्शनी के दूसरे दिन 26 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 12 बजे से कला विमर्श का आयोजन किया जाएगा। जिसमें चित्रकला पर जयंत तोमर, साहित्य पर जगदीश गुप्ता, संगीत पर नवनीत कौशल और चित्रपट कला पर श्रीराम भारतीय विमर्श करेंगे।
PostedBy : विजय पाण्डेय