जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला ने किया एलान उमर संभालेंगे कमान
जम्मू-कश्मीर। कश्मीर में विधान सभा चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। कश्मीर में 370 को हटाने के बाद हुए चुनाव में भाजपा को सत्ता नसीब नहीं हो सकी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश मिला है। पिछली बार भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार बनाने वाली महबूबा की पीडीपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
चुनाव परिणाम के बाद एनसी और कांग्रेस को 48 सीट मिली हैं जबकि भाजपा 29 सीटों पर ही ठहर गई है। शेष अन्य दलों व निर्दलीय ने जीती हैं। सबसे बड़ी बात कश्मीर में आप ने भी अपना खाता खोला है।
जीत से उत्साहित नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के बाद लोगों ने हमें अपना जनादेश दिया है।
फारूक अब्दुल्ला ने यह घोषणा तब की है, जब यह स्पष्ट हो गया कि अब कांग्रेस-एनसी गठबंधन 10 वर्ष बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाएगा।
विश्वास विकसित करना है
अब्दुला ने कहा है कि हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें। यहां ’पुलिस राज’ नहीं बल्कि जनता का राज होगा। हम जेल से निर्दोष लोगों को रिहा करने का प्रयास करेंगे। मीडिया स्वतंत्र रहेगा। हमें हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विश्वास विकसित करना होगा।
370 को नहीं करते स्वीकार
जनादेश ने साबित कर दिया है कि वे 5 अगस्त को लिए गए फैसले (अनुच्छेद 370 को निरस्त करना) को स्वीकार नहीं करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि गठबंधन के सहयोगी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की लड़ाई में नेशनल कॉन्फ्रेंस की मदद करेंगे, जो अपने विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। –उमर रह चुके मुख्यमंत्री
कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन कुल 90 सीटों में से 48 सीटें चुका हैं। महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को सिर्फ तीन सीटें मिली हैं। आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला इससे पहले 2009 से 2015 तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
PostedBy : आशीष मिश्रा
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