— राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में “ईज ऑफ डूईंग बिजनेस कॉन्क्लेव” आयोजित
ग्वालियर। प्रदेश सरकार अंचल में औद्योगिक और निवेश की गतिविधियां बढ़ाने के लिये लगातार प्रयासरत है। इसी उद्देश्य से ईज ऑफ डूईंग कॉन्क्लेव की शुरूआत की गई है, ताकि विकास की महत्वाकांक्षी रणनीति तैयार हो सके। क्योंकि विकसित भारत के दृष्टिकोंण के जरिए देश अपने भविष्य के लिये जो तैयारी कर रहा है उसमें मध्यप्रदेश भी अपना योगदान दे सके। कलेक्टर रुचिका चौहान ने यह बात कही।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल और मंशानुसार ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में मंगलवार को आयोजित की गई “ईज ऑफ डूईंग बिजनेस कॉन्क्लेव में बतौर मुख्यअतिथि यह बात कही।

इस दौरान नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, एमपीआईडीसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीके सिन्हा, सीआईआई मध्यप्रदेश स्टेट काउंसिल के चेयरमैन आशीष वैश्य, सीआईआई ग्वालियर जोन के चेयरमैन पुनीत डाबर तथा मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन हेमा चौहान ने तथा एमपीआईडीसी के प्रबंधक अमन कुमार ने आभार व्यक्त किया।
नये आयाम तय करेगा ग्वालियर
कलेक्टर चौहान ने कहा कि कॉन्क्लेव के जरिए एक तरफ जहां उद्यमियों की समस्यायें शासन और प्रशासन तक पहुँच सकेंगीं, वहीं सरकार द्वारा उद्योग और निवेश को बढ़ावा देने के लिये तैयार की गई नीतियां, नवाचार और व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारियों का आदान-प्रदान हो सकेगा। इस कॉन्क्लेव के माध्यम से ग्वालियर भी उद्योग और निवेश के मामले में नए आयाम छुएगा, ऐसी संभावना और उम्मीद के साथ ही यह आयोजन किया जा रहा है।
सकारात्मक सिलसिल होगा शुरू : सिंह
निगम आयुक्त सिंह ने कहा कि भारत ने अपने विकास के लिये वर्ष 2047 में विकास की जो रूपरेखा तैयार की है उसमें व्यापार और उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। विजन 2047 में विकसित भारत की जो कल्पना की गई है उसमें मध्यप्रदेश का भी योगदान होना चाहिए। ग्वालियर पहले से भी बड़ा औद्योगिक क्षेत्र रहा है और इस कॉन्क्लेव के जरिए उद्यमियों और शासन के बीच एक सकारात्मक बातचीत का सिलसिला शुरू होगा, ताकि एक बार फिर यहां औद्योगिक और व्यवसायिक गतिविधियां आगे बढ़ सकेंगीं।

उद्यमियों में बढ़ेगा उत्साह : सिंन्हा
एमपीआईडीसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिन्हा ने कहा कि ग्वालियर और आसपास के जिलों के उद्यमी और निदेशकों ने उत्साह के साथ भाग लिया है। साथ ही अलग-अलग विभागो द्वारा यहां अपना प्रजेंटेशन दिया गया है। जिसमें बताया गया कि उनके जरिए उद्यमी किस तरह अपने बिजनेस को सरल ढंग से स्थापित कर और आगे बढ़ा सकते हैं। साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि सरकार की इस मामले को लेकर भविष्य की प्लानिंग क्या है।
मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर : वैश्य
सीआईआई मध्यप्रदेश स्टेट काउंसिल के चेयरमैन वैश्य ने कहा कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स एक ग्लोबल इंडेक्स है। इसके आधार पर निर्धारित होता है कि किस देश, किस प्रदेश और किस शहर में कितना निवेश आयेगा। आज की वर्तमान स्थिति में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स में मध्यप्रदेश भारत में चौथे स्थान पर आ गया है। हम गुजरात और महाराष्ट्र से भी आगे जा चुके हैं। हमारी पॉलिसी इंडिया में सबसे प्रो एक्टिव पॉलिसी में आती है।
एक्सपर्ट्स ने दी जानकारी
कॉन्क्लेव के विभिन्न सत्रों में एमपीआईडीसी के डायरेक्टर आदर्श नायक ने सिंगल विंडो सिस्टम, भारत सरकार के जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड के ज्वाइंट डायरेक्टर सुविध शाह ने निर्यात संबंधी, एमएसएमई मध्यप्रदेश के ज्वाइंट डायरेक्टर पंकज दुबे ने एमएसएमई से जुड़ी योजनाओं, मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लमिटेड के सीजीएम शैलेन्द्र सक्सेना ने ऊर्जा से संबंधित प्रजेण्टेशन और जानकारियां दी। इनके अलावा द्वितीय सत्र में विशेषज्ञ अंकुर माहेश्वरी ने पर्यावरण, श्रम और अर्बन डवलपमेंट से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी। मध्यप्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के टेक्नीकल एडवाइजर आरके गुप्ता ने प्रदूषण से जुड़े विषयों तथा असिस्टेंट लेबर कमिश्नर श्रीमती संध्या सिंह ने श्रम विभाग से संबंधित नियमों की जानकारी दी। इसके साथ ही मध्यप्रदेश शासन के शहरी विकास एवं आवास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर श्री देवेन्द्र व्यास ने भी व्याख्यान दिया। जिसमें नापतौल विभाग के डिप्टी कंट्रोलर राजेश पिल्लै ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। सभी सत्रों में विशेषज्ञों के व्याख्यान के बाद विशेषज्ञों द्वारा उद्यमियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए। इसके बाद फूड, सिविल सप्लाई और कंज्यूमर प्रोटेक्शन और मिनरल रिसोर्स को लेकर सत्र हुआ।
Posted By : विजय पाण्डेय