गाजा में हालात और बिगड़ गए हैं। इजरायल ने हवाई हमलों के बाद अब जमीनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। मंगलवार, 16 सितंबर को गाजा शहर में इजरायली सेना गहराई तक दाखिल हुई। इजरायल का दावा है कि यह कार्रवाई हमास उग्रवादियों के खिलाफ है, लेकिन इसके चलते आम नागरिक भारी तबाही झेल रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने लगाया नरसंहार का आरोप
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र आयोग ने इजरायल पर “नरसंहार” करने का आरोप लगाया। आयोग ने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अपराध को हवा दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इजरायल के रुख पर चिंता जताते हुए कहा कि वह युद्धविराम की किसी भी बातचीत को स्वीकार करने को तैयार नहीं दिखता।
गाजा शहर बना युद्धक्षेत्र
इजरायली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने कहा कि पिछले 24 घंटों में अभियान को काफी विस्तार दिया गया है। जमीनी सेना, हवाई हमले और खुफिया ऑपरेशन मिलकर गाजा शहर में गहराई से कार्रवाई कर रहे हैं। सेना का अनुमान है कि शहर में अब भी 2,000 से 3,000 हमास के लड़ाके मौजूद हैं।
बेघर और बेसहारा लोग
लगातार बमबारी के बीच हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। कई परिवार अस्पतालों और सड़कों पर शरण ले रहे हैं। एक शरणार्थी यूसुफ शाना ने कहा, “लोगों के पास न दक्षिण की ओर जाने के पैसे हैं, न ही कहीं और भागने का सहारा।”
गाजा का बड़ा हिस्सा पहले ही इजरायल के पिछले हमलों में खंडहर में बदल चुका है। अब हालात और भी गंभीर हो गए हैं, जिससे वहां मानवीय संकट गहराता जा रहा है।