जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से श्री हरि चार माह के लिए क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरि शयनी एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी पर आपने घर में तीन वस्तुओं को रख लिया तो प्रभु कृपा से आर्थिक परेशानी से छुटकारा मिलकर घर में धन की आवक होने लगेगी और बरकत होगी।
धर्म डेस्क। उदयातिथि के अनुसार 17 जुलाई बुधवार को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। देवशयनी एकादशी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। एकादशी से जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करने जाते हैं। सनातन शास्त्रों में निहित है कि देवशयनी एकादशी तिथि से चातुर्मास की शुरुआत भी होती है। अतः देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसके अलावा, देवशयनी एकादशी पर विशेष उपाय भी किए जाते हैं। इन उपायों को करने से धन संबंधी परेशानी चंद दिनों में दूर हो जाती है। अगर आप भी आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो देवशयनी एकादशी पर इन वस्तुओं को अपने घर पर जरूर लेकर आएं।
दक्षिणावर्ती शंख
घर में वास्तु दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो देवशयनी एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख घर लाएं। विधि-विधान से दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें। शंख में जल या दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। पूजा के दौरान शंख में गंगाजल भरकर रखें। पूजा समाप्त होने के बाद गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में करें। इस उपाय को करने से वास्तु दोष दूर होता है। साथ ही धन संबंधी परेशानी भी छुटकारा मिल जाता है।
एकाक्षी नारियल
एकाक्षी नारियल को भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। अतः देवशयनी एकादशी पर एकाक्षी नारियल घर जरूर लाएं। अब विधि विधान से एकाक्षी नारियल की पूजा करें। पूजा समाप्त होने के बाद पीले रंग के वस्त्र में नारियल को बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी दूर होती है।
बांसुरी
अगर आप वास्तु दोष के चलते जीवन में विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं, तो देवशयनी एकादशी पर बांसुरी जरूर घर ले आएं। पूजा करते समय भगवान विष्णु को बांसुरी अर्पित करें। पूजा समाप्त होने के बाद भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम कर कुछ पल के लिए बांसुरी बजाएं। इस उपाय को करने से घर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।
यदि आप ने इन तीनों उपाय को कर लिया तो मानों प्रभु की कृपा आप पर बरसने लगेगी। शयन के देव, धरा संभालेंगे महादेव
सृष्टि के संचालक और पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन से चार माह के लिए क्षीर सागर में शयन करने चले जाएंगे। इस दौरान सभी देव विश्राम की अवस्था में रहेंगे। इस अवधि को भगवान का शयनकाल कहा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक जब भगवान श्री हरि शयनकाल करते हैं तब भगवान शिव यानी भोलेनाथ धरा को संभालते हैं। एक मात्र महादेव ही जाग्रत अवस्था में रहते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि सृष्टि का संचालन का कार्यभार महादेव ही संभालेंगे।
Posted By : विजय पाण्डेय