डगर-डगर पैदल सफर कर सिंधिया के लिए वोट मांग रही हैं प्रियदर्शनी राजे
बूढ़ी-बड़ी महिलाओं से बहू बनकर ले रहीं हैं आशीर्वाद और विकास के नाम पर मांग रही हैं वोट
ग्वालियर, विजय पाण्डेय। मैं, आपकी बहू हॅूं… सिंधिया परिवार का आपसे 65 साल पुराना रिश्ता है। हमें इस पारिवारिक रिश्ते को और मजबूत करना है। क्योंकि हम एक जैसे हैं और एक ही परिवार हैं। … सिंधिया जी आपके लिए खून-पसीना बहाते हैं, आपकी तरह ही दाल-रोटी खाते हैं। उन्हें आप हर दुःख-दर्द में अपने साथ खड़ा पाते हैं। तो हमें जात-पात के आधार पर नहीं, बल्कि सच्चे हमदर्द और विकास के लिए वोट करना चाहिए। ताकि आपका और आपकी भावी पीढ़ी का भविष्य बेहतर हो सके।
मतदाताओं से वोट मांगने का यह नम्रतापूर्ण तरीका है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का।

प्रियदर्शनी राजे गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनावी अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनकी चुनाव प्रचार की शैली, लोगों से मिलने का अंदाज और बात-चीत का तरीका गांव की महिलाओं को खासा रास आ रहा है। वे लोगों के साथ जीवंत संपर्क कर अपने वर्षां पुराने रिश्तों को तो याद दिला ही रहीं हैं। इसके साथ-साथ वे सिंधिया द्वारा किए गए विकास कार्यों का हवाला देकर एक विकास पुरुष के तौर पर उनकी छवि गढ़ रही हैं। वे बूढ़ी-बड़ी महिलाओं के गले लग अपने को उनकी बहू बताकर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त कर रही हैं।

उनका यह अंदाज ग्रामीणों को प्रभावित कर रहा है। महिला ही क्या पुरुष वर्ग भी उनकी शैली को देख सिंधिया के प्रति अपना समर्थन देने का संकल्प ले रहे हैं। तपती दोपहरी में डगर-डगर पैदल सफर कर प्रियदर्शनी सामान्य महिला की भांति घर-घर दस्तक देकर लोगों से विकास के नाम पर वोट करने का आग्रह कर रही हैं।
वे न जाति की बात करती हैं और ना हीं धर्म की… वे सिर्फ और सिर्फ सिंधिया के जन सेवा के संकल्प को उनका कर्म बताकर वोट देने की बात करती हैं। वे महिलाओं के साथ जमीन पर बैठने में नहीं हिचकती हैं तो बड़े चाव से उनके हाथ का बना खाना भी खाती हैं और गर्मी से बचने के लिए उनके द्वारा बनाया गया सत्तू भी पीती हैं।
बीते रोज उन्होंने मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गहन जन-संपर्क किया। इस दौरान अनेक नुक्कड़ सभाएं कर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। ग्रामीण भी ढोल-तांसों और पारंपरिक वाद्ययंत्रों को बजाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत करते दिखे।
जात-पात से बड़ी मानवता
प्रियदर्शनी कभी भी किसी भी गांव या शहर में जात-पात या धर्म की बात नहीं करती हैं। वे हमेशा लोगों को अपने सात दशक पुराने रिश्तों की याद दिलाती हैं और मानवता की बात कर सिंधिया के विकास कार्यों का उल्लेख करती हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास
प्रियदर्शनी राजे जब भी ग्रामीण महिलाओं से खुशमिजाजी के साथ मिलती हैं और महिलाएं उन्हें अपनी परेशानी बताती हैं तो वे उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाती हैं। साथ ही सिंधिया परिवार द्वारा विगत वर्षां में कराए गए विकास के नाम पर सड़क और बांध निर्माण के अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और आवास की याद दिलाती हैं। और यही नहीं वे महिलाओं के सम्मान की बात भी करती हैं कि आज कैसे चंदेरी की साड़ियां विलायत में छा रही हैं।

मोदी की गांरटी का भरोसा
प्रियदर्शनी राजे भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को वोट देने का एक महत्वपूर्ण कारण भी ग्रामीणों को बताती हैं। वह यह है- कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गांरटी चल रही है। आपकी आवाज सिंधिया के माध्यम से ही मोदी तक पहुंच सकती है। जब देश कह रहा है मोदी फिर से और गुना कह रहा है सिंधिया दिल से …. तो फिर इसमें कुछ सोचना ही नहीं हैं। जो- सदैव आपके दुःख-दर्द में आपके साथ खड़ा रहता हो, आपकी आवाज बनता हो ऐसे अपने परिवार के सदस्य को मजबूत करना है। विकास के लिए हमें सिंधिया को आगे बढ़ाना होगा और अपने भविष्य को बेहतर बनाना होगा।

घर-घर से बुलातीं हैं महिलाएं
गांव में प्रचार के दौरान प्रियदर्शनी राजे की सबसे अच्छी बात यह देखने को मिल रही है कि जिस गली से गुजरती हैं वहां के हर घर से आवाज देकर महिलाओं को बुलाती हैं। बहू के तौर पर नम्रता के साथ अपना परिचय देती हैं और फिर उनसे भाजपा को वोट देने का आग्रह करती हैं। जब खासा जनसमूह जुट जाता है तब वे नुक्कड़ सभा कर मोदी के विकास और सिंधिया से आस की बात करते हुए लोगों के दिलों-दिमाग पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। उनकी भाषण शैली में किसी राजनीतिक नेता की भांति भाषा का प्रयोग नहीं होता है बल्कि एक पारिवारिक सदस्य की आत्मीयता का भाव झलकता है। जो लोगों को सिंधिया परिवार से जोड़ने का मजबूर करता है। यही कारण है कि लोग इस बार सिंधिया को अभूतपूर्व रिकॉर्ड मतों से विजयी बनाने का संकल्प ले रहे हैं।