भारत विभिन्न संस्कृति और सभ्यताओं के साथ अनेक उत्सव व पर्व का देश है। रंगों के त्योहार होली की बात की जाए तो कहने ही क्या! हर कोई पिचकारी की धार और रंगों की बहार में सरबोर होने को आतुर रहता है। बात अगर मथुरा, वृंदावन और बरसाना की होली की हो ता,े फिर हर किसी की चाहत इस रंगोत्सव को देखने के लिए परवान चढ़ने लगती है।लड्डू और लठमार होली देखने के लिए जाना होगा बरसाना…
धर्म अध्यात्म डेस्क। ब्रज की होली की बात ही निराली है। जिसने देखी है वह कभी भूलता नहीं है और जिसने नहीं देखी वह हर हाल में इस उत्सव में शामिल होना चाहता है। ब्रज की होली मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल और गोबर्धन में अलग-अलग तरीके खेली जाती है। इस दौरान देश-विदेश से अनेक लोग आते हैं और होली के उत्सव को उत्साह के साथ मनाते हैं। साथ ही, लोग राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते है। देशभर में ब्रज की होली अधिक प्रसिद्ध है। ब्रज में होली के सतरंगी उत्सव का बसंत पंचमी से आगाज हो गया है। यह सिलसिला लगातार 40 दिनों तक जारी रहेगा। सनातन धर्म में बसंत पंचमी के अवसर पर होली का डंडा गाड़ा जाता है। इसका मतलब यह होता है कि होली के त्योहार की शुरुआत हो गई है। इस बीच, वृंदावन, मथुरा और बरसाना में अलग-अलग प्रकार की होली खेली जाएगी।

अगर आप भी इस होली में शामिल होने का मन बना रहे हैं तो फिर आइए आपको बताते हैं ब्रज में कब कौन सी होली खेली जाएगी।
इन तारीखों में होंगे खास आयोजन
17 मार्च : नंदगांव में फाग आमंत्रण उत्सव होगा और बरसाना में लड्डू की होली खेली जाएगी।
18 मार्च : इस दिन बरसाना में लठमार होली होगी।
19 मार्च : नंदगांव में लठमार होली का उत्सव मनाया जाएगा।
20 मार्च : रंगभरनी एकादशी के अवसर पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होली के विविध रंग देखने को मिलेंगे।
21 मार्च : गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाएगी। साथ ही बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली होगी।
24 मार्च : होलिका दहन होगा।
25 मार्च : पूरे ब्रज में होली का उत्सव मनाया जाएगा और रंग-बिरंगे रंग और पानी की होली खेली जाएगी।
26 मार्च : दाऊजी मंदिर में हुरंगा होगा।
02 अप्रैल 2024 – वृंदावन के रंगजी मंदिर में होली उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
दुनिया में प्रसिद्ध है ब्रज की होली
ब्रज में होली के उत्सव में शामिल होने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। इस पर्व के आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। लठमार होली के साथ ब्रज की संस्कृति भी श्रद्धालुओं को झंकृत करती है। ब्रज में होली उत्सव के दौरान गीत, पद-गायन की पंरपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।
Posted By : विजय पाण्डेय