— कैट के तत्वावधान में औद्योगिक एवं व्यापारिक समस्याओं के समाधान में समाचार-पत्रों की भूमिका विषय पर परिचर्चा आयोजित
— वक्ताओं ने बताया शहर के विकास का पैमाना तो व्यापारियों से सुनाईं अपनी समस्याएं
ग्वालियर। कॉन्फ्रेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टेड्रर्स (कैट) ग्वालियर के तत्वावधान में मंगलवार को इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) पर “औद्योगिक एवं व्यापारिक समस्याओं के समाधान में समाचार-पत्रों की भूमिका“ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

परिचर्चा में मुख्य वक्ता दैनिक भास्कर के संपादक महेश कुमार थे। जबकि म.प्र. चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष वीके गंगवाल एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय अतिथि वक्ता के तौर पर मौजूद थे। इस दौरान कैट के पदाधिकारियों एवं शहर के उद्योगपतियों व व्यापारियों ने कारोबार में आने वाली परेशानियों से अवगत कराया। वहीं वक्ताओं ने शहर के विकास और अंचल के प्रति बने लोगों के दृष्टिकोण को बदलने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन कैट के अध्यक्ष दीपक पमनानी ने तथा आभार व्यक्त महामंत्री मनोज चौरसिया ने किया। इस दौरान कार्यक्रम संयोजक नीरज चौरसिया, अंशुल गुप्ता एवं रवि गुप्ता ने अतिथियों को स्मृति-चिंह एवं शॉल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया।
अखबार का है भावनात्मक जुड़ाव : कुमार
मुख्य वक्ता महेश कुमार ने कहा कि ग्वालियर के पास पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा देने की लिगेसी (विरासत) है। एक बार जहां पैसा आना शुरू होता है तो शहर की संपन्नता बढ़ती है। इसके लिए जरूरी है कि उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और व्यापारियों के हितों का संरक्षण किया जाए। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और उससे शहर की तरक्की होगी। क्योंकि व्यापार के विकास से ही शहर की तरक्की संभव है।
उन्होंने कहा कि जब प्रशासन और शासन लोगों के साथ न्याय नहीं करते हैं तब अखबार की भूमिका तय होती है। ऐसे में आपको संगठित होकर अपनी आवाज उठाना चाहिए। उसे सभी सुनेंगे, संगठन की मुहिम को मीडिया भी महत्व देगा। समाचार-पत्र पाठकों की भावनाओं के तहत अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। पाठकों की अखबार के साथ भावनात्मक जुड़ाव की स्थिति होती है। हमें अपने शहर, बाजार और व्यापार की सकारात्मक छवि बनानी होगी साथ ही लोगों का विश्वास कायम करना होगा। किसी एक नकारात्मक घटना से शहर की छवि नहीं बिगड़नी चाहिए। आने वाले 20-30 साल में हमारा शहर कैसा होगा? इस सोच के साथ मिलकर काम करना होगा और अपनी बेहतर छवि गढ़नी होगी। क्योंकि भौगोलिक एवं पर्यटन की दृष्टि से हमारा शहर समृद्ध है।

मदद के लिए बढ़ाने होंगे हाथ : जैन
कैट के प्रदेश अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक भूपेंद्र जैन ने कहा कि एक जमाना था तब माधवराव सिंधिया ने शहर में उद्योग जगत को नई पहचान दिलाई थी। उद्योगपतियों या व्यापारियों के साथ किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर स्वयं खड़े नजर आते थे। आज हालात बदतर हो गए हैं। 25 वर्षों में शहर जितना बढ़ना चाहिए था उस गति से नहीं बढ़ा। व्यवसाय बढ़ा लेकिन व्यापारियों में भय और पीढ़ा भी बढ़ी। युवाओं को अवसर नहीं मिल रहे हैं। प्रतिभा पलायन कर रही है। व्यापारियों में खौफ है। ऐसे में शासन और प्रशासन को चाहिए कि उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाए।
मीडिया निभाता है सकारात्मक भूमिका : पाण्डेय
वक्ता डॉ. केशव पाण्डेय ने कहा कि मीडिया उद्योगपतियों और व्यापारियों की समस्याओं को उजागर करता है। शासन-प्रशासन पर दबाव बनाता है लेकिन समाचार-पत्र की एक मर्यादा है। जो काम नेता और अफसरों को करना है उसे पूरा कराने का ठेका अखबार नहीं ले सकता है। इसके लिए उद्योगपतियों को चाहिए कि जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं। उनके साथ बैठक कर सकारात्मक सोच के साथ औद्योगिक विकास का खाका तैयार करें। उद्योगपतियों में भय होगा तो फिर शहर का विकास नहीं हो सकता। क्योंकि उद्योगों के बिना शहर की उन्नति नहीं हो सकती।
सकारात्मक सोच के साथ करें काम : गंगवाल
उद्योगपति वीरेंद्र गंगवाल ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि तीन दशक पहले की बात है, जब एक फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया था। माधवराव सिंधिया को इस बात की खबर लगी तो उन्होंने दो घंटे के अंदर एक हवाई जहाज भेजा और वह सभी झुलसे हुए श्रमिकों को लेकर जब दिल्ली पहुंचा तो स्वयं सिंधिया वहां उन्हें लेने पहुंचे और उनका उपचार कराया। इंदौर के एक प्रमुख समाचार-पत्र ने शहर की दशा और दिशा बदलने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। ग्वालियर का औद्योगिक वैभव समाप्त हो रहा है लेकिन महाराज बाड़ा वैभव की तस्वीर पेश कर रहा है। हम पर्यटन की दृष्टि से औद्योगिक विकास में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। समाचार-पत्रों को चाहिए कि वे सकारात्मक सोच के साथ ग्वालियर के विकास में अपना योगदान दें। सभी के साझा प्रयासों से ही एक बार पुनः ग्वालियर अंचल तरक्की की ऊॅंचाईयों पर पहुंच सकेगा।
ये रहे मौजूद
दिलीप खंडेलवाल, अजय चौपड़ा, अनुराग जैन, कविता जैन, रवि गुप्ता, डॉ. प्रमोद पहाड़िया, गोपाल जायसवाल, मुकेश जैन, योगेश अग्रवाल, आकाश जैन, संजय नीखरा, आलोक आहूजा, सौरभ जैन, अमित अरोरा, दीपक वाजपेयी, प्रतीक अग्रवाल, मनोज अग्रवाल एवं जेपी गोयल प्रमुख रूप से मौजूद थे।