मध्य प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस ने नया दांव खेला है। लंबे समय से सत्ता से बाहर चल रही पार्टी अब प्रभात फेरी, श्रमदान और गौ सेवा जैसे कार्यक्रमों के जरिए जनता से जुड़ने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का दावा है कि यह पहल महात्मा गांधी के समय से पार्टी की परंपरा रही है।
क्या है मामला?
कांग्रेस ने अपने जिला अध्यक्षों को जनता के बीच प्रभात फेरी निकालने और गौ सेवा करने का निर्देश दिया है। यह सब राहुल गांधी के संगठन सृजन अभियान का हिस्सा है। पार्टी का कहना है कि यह जुड़ाव की पुरानी परंपरा को नए रूप में दोहराने का प्रयास है।
बीजेपी का हमला
बीजेपी ने कांग्रेस की इस पहल को “चुनावी स्टंट” बताया। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का हिंदुत्व से कोई सरोकार नहीं और चुनाव आते ही वह ऐसे कार्यक्रमों का सहारा ले रही है। उन्होंने यहां तक कहा कि “यह वही कांग्रेस है जिसने गोमांस खाने की सिफारिश की थी।”
हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस पर हमेशा हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप लगाने वाले हिंदू संगठन इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर कांग्रेस इस तरह की परंपराओं को आगे बढ़ाती है तो इसे सकारात्मक नजरिए से देखा जाना चाहिए।
बड़ा सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रभात फेरी और गौ सेवा का यह नया एजेंडा कांग्रेस को सत्ता के लंबे सूखे से बाहर निकाल पाएगा या फिर यह केवल बीजेपी के आरोपों के मुताबिक एक “चुनावी दिखावा” साबित होगा।