— शिक्षा महाविद्यालय में अचानक निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर ने किया सीधा संवाद
ग्वालियर। यदि जीवन में आनंद की प्राप्ति करना चाहते हो तो अपने भीतर के बचपन को सदैव जिंदा रखो। निश्चय ही जीवन आनंदमय होगा। सरल और सुखद जीवन जीना है तो इच्छाओं के भ्रमजाल में मत फंसो, क्योंकि इच्छाएँ अनंत होती हैं। आज के दिन को ही सबसे महत्वपूर्ण दिन मानकर और किसी काम को छोटा या बड़ा न समझकर अच्छे से पूरा करने वाले लोगों को सच्चे आनंद की अनुभूति होती है।

कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बीएड- एमएड की पढ़ाई कर रहे शिक्षकों से संवाद करते हुए यह बात कही। उन्होंने शिक्षकों से आव्हान किया कि शैक्षणिक कार्य के प्रति आप सब गर्व का अनुभव करें। शिक्षादान से बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता।
आपको बता दें कि कलेक्टर गुरुवार को अचानक शासकीय शिक्षा महाविद्यालय पहुँचे और महाविद्यालय के आदर्श कुमार पंडित प्राचार्य को परिचय देते हुए कहा कि मैं ग्वालियर कलेक्टर हूँ। कलेक्टर को अचानक अपने सामने पाकर महाविद्यालय के प्राचार्य भी आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सके।
यहाँ अध्ययनरत शिक्षकों से अपने अनुभवों और जीवन जीने की कला को साझा करने आया हूँ। कलेक्टर सिंह, शिक्षा महाविद्यालय की विभिन्न कक्षाओं में पहुँचे और इसके बाद एक हॉल में बैठकर शिक्षकों से जीवन जीने की कला पर विस्तृत संवाद किया।
इस दौरान कलेक्टर ने शिक्षकों से आग्रह किया कि यदि आप शैक्षणिक कार्य को स्वाभिमान के भाव के साथ करेंगे तो स्वयं तो आनंद की अनुभूति करेंगे ही, साथ ही युवा पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार कर पाएंगे। उन्होंने विख्यात शायर जनाब निदा फाज़ली के एक अशआर “कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता” का जिक्र करते हुए कहा कि इच्छाओं का अनंत आकाश है। इसलिए इच्छाओं को परे रखकर जो जिम्मेदारी मिली है उसी को मन लगाकर और आनंद के साथ अंजाम तक पहुँचाएं।