अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ विवाद अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने संकेत दिए हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए “रेसिप्रोकल टैरिफ” को अवैध करार दिया, तो अमेरिका को वसूले गए टैरिफ का लगभग आधा हिस्सा भारत समेत प्रभावित देशों को रिफंड करना पड़ सकता है।
बेसेंट ने एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “अगर अदालत ऐसा कहती है तो हमें यह करना होगा, और यह अमेरिकी खजाने के लिए बड़ा झटका होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि टैरिफ को लेकर अन्य रास्ते मौजूद हैं, लेकिन इससे राष्ट्रपति ट्रंप की सौदेबाजी की ताकत कमजोर हो सकती है।
गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिकी फेडरल अपील कोर्ट ने 7-4 के फैसले में कहा था कि ट्रंप ने आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का दुरुपयोग कर लगभग सभी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाया, जो राष्ट्रपति की शक्तियों से बाहर है। कोर्ट ने साफ कहा कि टैरिफ लगाना कांग्रेस की शक्ति है, न कि राष्ट्रपति की।
अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जहां ट्रंप प्रशासन निचली अदालत के फैसले को पलटने की मांग कर रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज कर दी, तो भारत समेत कई देशों को अमेरिका से अरबों डॉलर का रिफंड मिल सकता है।