शिल्प समागम मेले का शुभारंभ, ग्वालियर के शिल्प ग्राम में मिलेगा हैंडीक्राफ्ट का अनोखा संसार
ग्वालियर। यदि आप हैंडीक्राफ्ट के शौकीन हैं तो फिर आप के लिए यह खबर किसी खुशी से कम नहीं होगी। क्योंकि अपने ही शहर में सज गया है हुनर का बाजार, जहां जुटे हैं देश भर के शिल्पकार।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के शीर्ष निगमों के माध्यम से ग्वालियर व्यापार मेला के प्रमुख शिल्प बाजार में आयोजित ये मेला 22 से 30 सितंबर तक चलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र पर आधिरित इस मेले का उद्देश्य लगभग 20 राज्यों के 120 अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग और सफाई कर्मचारियों के लाभार्थी को अपने उत्पादों के प्रदर्शन के साथ साथ बिक्री के लिए बड़ा मंच प्रदान करना है।
मेले का औपचारिक उद्घाटन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार के साथ ही मंत्रालय के अन्य साथी शनिवार को करेंगे।
मेले के माध्यम से समाज के लक्षित वर्ग को सशक्त और आत्मनिर्भर करना है। जिससे इन प्रदर्शनियों में भाग लेने वाले लाभार्थियों की अच्छी बिक्री होने से उन्हें शीर्ष निगमों को अपना ऋण चुकाने में बहुत मदद मिलेगी।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार वर्ष 2001 से अपने शीर्ष निगमों के माध्यम से ऋण सहायता प्राप्त अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सफाई कर्मचारियों के लाभार्थियों के लिए प्रदर्शनी का आयोजन करके विपणन मंच प्रदान कर रहा है।

ये उत्पाद रहेंगे आकर्षण का केंद्र
मेले के खास उत्पाद आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इनमें असम के बेंत और बांस, हस्तशिल्प और हथकरघा के उत्पाद, बिहार के हथकरघा कार्य, मधुबनी पेंटिंग्स, दिल्ली के कपड़े, गुजरात के ड्रेस मैटेरियल (गुजराती कशीदाकारी) कच्छ शिल्प मनका से बने उत्पाद, हरियाणा के ड्रेस मैटेरियल, सिले-सिलाए कपड़े, हिमाचल प्रदेश के शॉल, स्टोल जैकेट, ऑर्गेनिक हनी, अचार, चाय, जम्मू कश्मीर के आरी वर्क, सोजनी वर्क, कश्मीरी शॉल, कर्नाटक के लकड़ी के खिलौने, अगरबत्ती ,केरल के स्क्रूपिन, जल जलकुंभी उत्पाद, मध्यप्रदेश के पीतल के उत्पाद, माहेश्वरी चंदेरी, बाग प्रिंट, सूट, ड्रेस मैटेरियल, साड़ी और अचार, महाराष्ट्र चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प की वस्तुएं, ड्रेस मैटेरियल, पंजाब के फुलकारी वर्क, पंजाबी जूती, ड्रेस मटेरियल, पुडुचेरी के चमड़े के उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, सिले-सिलाए कपड़े, राजस्थान की राजस्थानी जूती, चादरें, अल्लीक वर्क, अचार, खाखरा, तमिलनाडु के वस्त्र, लकड़ी के खिलौने, त्रिपुरा जूट, बेंत एवं बांस से बने उद, झाड़ू, उत्तराखण्ड के खेस, लोई, दारी, शॉल, ड्रेस मटेरियल, जैकेट, कुर्ता और शर्ट, उत्तर प्रदेश के लकड़ी पर नक्काशी, कपड़े का काम, सॉफ्ट टॉय, चिकन वर्क, बनारसी साड़ी, पश्चिम बंगाल के कांथा स्टिच और कट वर्क ड्रेस मटेरियल साड़ी आदि प्रमुख हैं।
लजीज व्यंजनों का मिलेगा स्वाद
मेले में देश भर के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद लिया जा सकेगा। प्रतिदिन शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होंगे। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक ग्वालियर में अधिक से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विदेशी आगंतुकों के आने की उम्मीद है