एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में खासा महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साल भर 24 एकादशी होती हैं आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि की उपासना करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। यदि आप भी चाहते हैं घर-परिवार में सुख-समृद्धि तो करें यह उपाय।
धर्म डेस्क। 29 जून गुरुवार को देव शयनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन से पालनहार श्रीहरि विष्णु भगवान चार माह के लिए क्षीर सागर में योग निद्रा में चले जाते हैं। जिसके बाद वे कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन जागते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान धरती का संचालन भोलेनाथ करते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन कुछ खास उपाय कर लिए जाएं तो भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और पूजा के दौरान भगवान विष्णु का केसर के दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में चल रही परेशानियां खत्म होती है। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
सुख-समृद्धि के लिए
देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान का दक्षिणावर्ती शंख से जलाभिषेक करें। इससे भगवान विष्णु के साथ धन की देवी मॉं लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
घर की शांति के लिए
एकादशी के दिन शाम में तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और ओम वासुदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद 11 परिक्रमा करें। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है। व्यक्ति सुकून का जीवन व्यतीत करता है।
आर्थिक तंगी मिटाने के लिए
देवशयनी एकादशी के दिन एक रुपए का सिक्का भगवान विष्णु की फोटो के पास रखें। इसके बाद इसे पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद इस सिक्के को उठा कर लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। ऐसा करने से आपको कभी भी पैसों की तंगी नहीं होगी। हमेशा धन-धान्य भरा रहेगा।
गुरु को सशक्त बनाने के लिए
देवशयनी एकादशी के दिन कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें। पूजा के बाद किसी गरीब को दान दें। इससे गुरु की स्थिति में सुधार होगा और परिवार में उनकी कृपा होने से सुख-शांति बनी रहेगी।