ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित थिंक-टैंक लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी एशिया पावर इंडेक्स 2025 में भारत ने जबरदस्त बढ़त दर्ज करते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रक्षा शक्ति का स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि भारत को अमेरिका और चीन के बाद डिफेंस पावर की श्रेणी में शीर्ष पर स्थापित करती है। रिपोर्ट में ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य क्षमता बढ़ाने वाला अहम कदम बताया गया है।
इंडेक्स में भारत की बढ़ती आर्थिक क्षमता को भी विशेष महत्व दिया गया है। आंकड़ों के अनुसार, भारत ने जापान, रूस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए अपनी सैन्य और आर्थिक शक्ति दोनों स्तरों पर मजबूती दिखाई है। इस रैंकिंग में कुल 27 देशों का आकलन किया गया, जिनमें 40 अंक से ऊपर रहने वाले देशों को ‘प्रमुख शक्तियों’ में स्थान दिया जाता है।
आर्थिक प्रदर्शन की बात करें तो भारत ने जापान को पछाड़ते हुए एक पायदान की बढ़त दर्ज की है। विदेशी निवेश प्रवाह के मामले में भी भारत तेजी से आगे बढ़ा है और नौवें स्थान पर पहुंच गया है, जो वैश्विक निवेशकों के बढ़ते भरोसे का संकेत है।
हालांकि, रिपोर्ट ने एक चुनौतिपूर्ण पहलू भी उजागर किया है। रक्षा नेटवर्क यानी रणनीतिक साझेदारियों के मामले में भारत अभी भी पीछे है और इस श्रेणी में वह 11वें स्थान पर है, जहां फिलीपींस और थाईलैंड उससे आगे हैं। इसके बावजूद, रिपोर्ट यह साफ करती है कि भारत की आर्थिक और सैन्य क्षमता में 2025 में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और देश एशिया की उभरती महाशक्तियों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।