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प्रकृति का सानिध्य ही जीवन का आधार : पाण्डेय

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प्रांतीय योग प्रशिक्षित शिक्षक अध्यापक संघ का योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सेमीनार, राष्ट्रीय शंख वादक राणा के शंखनाद के साथ हुआ योग कक्षा का शुभारंभ

ग्वालियर। शरीर रक्षा में श्वास का स्थान उतना ही है जितना शरीर में पोषण तत्वों का। जितनी लंबी गहरी सांसे होती हैं वैसे-वैसे शरीर और मन स्थिर होता हुआ चित शांत होता है। हम दीर्घायु और प्रसन्न चित्त होकर अपने समाज को भी कुछ देने के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। हमारा मन तो भावों की कड़ी है, जो नित नूतन अनुसंधान की तरह चलता रहता है लेकिन जब हम योगमय जीवन जीना प्रारंभ करते हैं तभी अंतरात्मा की आवाज को सुन सकते हैं। क्योंकि प्रकृति का सानिध्य ही जीवन का आधार है। प्रमुख समाज सेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय ने यह बात कही।

उन्होंने यह बात आईआईटीटीएम में प्रांतीय योग प्रशिक्षित शिक्षक अध्यापक संघ द्वारा आयोजित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सेमिनार में बतौर मुख्यअतिथि के यह बात कही।
योगाचार्य सतेंद्र शास़्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चार और प्रार्थना के साथ योग कक्षा का शुभारंभ कराया। शंख वादक ने शंख बजाकर शंख की ध्वनि से पूरे प्रागंण को गुंजायमान कर दिया। शासकीय योग प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एवं प्रांतीय संगठन मंत्री देवी दयाल भारती ने संगठन की भूमिका उद्देश्य, रूपरेखा और योग में आसनों के महत्व तथा योग गीत के माध्यम से कक्षा को रोचक बनाया।

योग प्रशिक्षक अखिलेश पचौरी ने आसनां का अभ्यास एवं श्रीकांत मिश्रा ने प्राणायाम का अभ्यास कराया। इस दौरान सुक्ष्म एवं व्यायाम अभ्यास भी कराया गया।शिवकुमार पाहवा ने राष्ट्रभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।योग कक्षा ध्यान एवं शांति हृषिकेश वशिष्ठ प्रांताध्यक्ष ने किया।
संघ के जिलाध्यक्ष मुन्ना सिंह परिहार ने प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व बताते हुए कहा कि अस्तित्व में भौतिक स्तर पर सबसे अच्छी चीज शरीर है। हम पृथ्वी की उपज होकर हम पृथ्वी का ही एक भाग हैं। निश्चित ही कुछ समय बाद हम मिट्टी का ढेर ही बनेंगे। बुनियादी बात यह है यदि स्त्रोत से ही संपर्क टूट जाए तो क्या हम ’अस्तित्व में रह पाएंगे? हम अपने बारे में जितनी काल्पनिक चीजों पर विश्वास कर रहे हैं, वह सच्चाई नहीं हैं। हमारा मूल पृथ्वी है। यानी कि मिट्टी तत्व ही है इसे बनाए रखने हेतु हमें पृथ्वी तत्व से अपनी पारस्परिक निर्भरता हमारे लिए स्वस्थ्य और समृद्ध भारत का शंखनाद है। प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी पट्टी से विभिन्न गंभीर रोगों की चिकित्सा की जाती है। आंखों की रोशनी पाचन संस्थान के रोग लिवर और स्किन डिजीज इत्यादि’ रोगों की चिकित्सा मिट्टी द्वारा बडी आसानी से की जा सकती है। इस दौरान अनेक छात्र-छात्राओं ने एडवांस योग का प्रदर्शन कर कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।

कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य जेसी प्रजापति ने तथा आभार प्रदर्शन प्रांतीय उपाध्यक्ष रेखा श्रीवास्तव ने किया।
इस मौके पर वरिष्ठ योग प्रशिक्षक मंजू शर्मा, अरुण शर्मा, विजय पाठक, राधेश्याम सविता, दिनेश शर्मा, डॉ. अतुल कुमार, शांतनु चौहान, कमल देव, समाज सेवी टिंकू परिहार, तृप्ति शर्मा, रवि भदोरिया, साधना पुरोहित, संगीता, मोहन बाबू शर्मा, सुनील कुमार सोनी, उमेश पाठक, हाकम सिंह, अर्चना सगर, रामवीर गुर्जर एवं मंजू गुर्जर प्रमुख रूप से मौजूद थे।

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