प्रियंका गांधी ने कहा कि आज तक हम चुप रहे हैं, आप हमारे परिवार का अपमान करते गए। मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे। मुझ पर केस लगा दो, लेकिन सच ये है कि इस देश का प्रधानमंत्री कायर है।
नई दिल्ली। दिल्ली के राजघाट पर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के विरोध में सत्याग्रह चल रहा है। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने परिवारवाद को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि आप परिवारवाद कहते हैं, तो भगवान राम कौन थे? क्या वे परिवारवादी थे? क्या पांडव परिवारवादी थे? और क्या हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के शहीद हुए हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज तक हम चुप रहे हैं, आप हमारे परिवार का अपमान करते गए। मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे। मुझ पर केस लगा दो, लेकिन सच ये है कि इस देश का प्रधानमंत्री कायर है।
आप को बता दें कि लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को राहुल गांधी को पद से अयोग्य कर दिया था। राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे। यह एक्शन मानहानि केस में राहुल को 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद लिया गया। राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था।
प्रियंका गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना
प्रियंका गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “मेरे परिवार ने इस देश के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा है। संसद में मेरे शहीद पिता का अपमान संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे का अपमान किया जाता है, उन्हें मीर जाफर कहा जाता है। मेरी मां का अपमान किया जाता है। आपके (भाजपा) मंत्री कहते हैं कि इनके पिता कौन हैं? आपके प्रधानमंत्री गांधी परिवार के लिए कहते हैं कि ये नेहरू उपनाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? आप पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती।”
याद आई 32 साल पूरानी कहानी
प्रियंका गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी के अंतिम संस्कार का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, “साल 1991 में मेरे पिता का शव तीन मूर्ति से निकल कर जा रहा था, उस दौरान मैं अपनी मां और भाई के साथ गाड़ी में बैठी थी, क्योंकि सुरक्षा का मुद्दा था। सामने से भारतीय सेना का एक ट्रक फूलो से लदा हुआ आगे बढ़ रहा था, जिसमें मेरे पिता का शव रखा हुआ था।”
पिता की पगड़ी संभालता है बेटा’
उन्होंने बताया, “काफिला कुछ दूर ही गया तभी राहुल कहने लगे कि उनको पैदल इस यात्रा में जाना है, तब मां ने उन्हें रोका क्योंकि सुरक्षा का मामला था, लेकिन वो नहीं माने औक सेना के पीछे चलने लगे थे। कड़ी धूप में भी वो पैदल चलते रहे और 500 गज तक चलने के बाद उनके शहीद पिता का अंतिम संस्कार किया गया था।”
पिता की पगड़ी संभालता है बेटा’
उन्होंने बताया, “काफिला कुछ दूर ही गया तभी राहुल कहने लगे कि उनको पैदल इस यात्रा में जाना है, तब मां ने उन्हें रोका क्योंकि सुरक्षा का मामला था, लेकिन वो नहीं माने औक सेना के पीछे चलने लगे थे। कड़ी धूप में भी वो पैदल चलते रहे और 500 गज तक चलने के बाद उनके शहीद पिता का अंतिम संस्कार किया गया था।”