उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बिहार के दानापुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश और बिहार का संबंध केवल एक औपचारिक संबंध नहीं, बल्कि साझा विरासत और आत्मा का संबंध है।” उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच यह रिश्ता उतना ही अटूट है, जितना भगवान श्रीराम और माता जानकी का। योगी ने मंच से कहा, “यह संस्कृति, आत्मा और संकल्प का संबंध है। डबल इंजन की सरकार जब बिहार में फिर से स्थापित होगी, तब विकास की रफ्तार और तेज दिखाई देगी। पिछले 20 वर्षों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जो काम किया है, वह मिसाल है और उसी गति को बनाए रखने के लिए मैं बिहार की जनता से आह्वान करने आया हूं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “बिहार में विकास की इस नई प्रतिस्पर्धा को रोकने के लिए राजद, कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने फिर से शरारत शुरू की है। वे ‘विकास बनाम गुर्गे’ की बहस चला रहे हैं।”
योगी ने कहा, “राजद और कांग्रेस अब फर्जी मतदान की वकालत कर रहे हैं। क्या विदेशी घुसपैठियों को बिहार के दलितों, गरीबों और आम नागरिकों के अधिकारों पर डकैती करने की छूट दी जानी चाहिए? हर मतदाता को पहचान दी गई है और पहचान पत्र दिखाकर ही मतदान में भाग लेना चाहिए। एनडीए सरकार इसका समर्थन करती है, जबकि कांग्रेस और राजद फर्जी मतदान के पक्ष में हैं।”
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर की गई कार्रवाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में जो माफिया पहले आतंक फैलाते थे, वे आज जहन्नुम की यात्रा पर जा चुके हैं। उनके सहयोगी जो कभी अराजकता फैलाते थे, उनकी भी दुर्गति हो चुकी है। हमने उनकी अवैध संपत्तियों को जब्त कर गरीबों के लिए आवास बनवाने का काम किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि “बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों का एक ही लक्ष्य है — विकास, सुरक्षा और सम्मान। एनडीए की डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में यह लक्ष्य तेजी से पूरा हो सकता है।”