अंबेडकर प्रतिमा विवाद के बाद ग्वालियर में बढ़ते तनाव और सोशल मीडिया पर फैल रही बयानबाज़ी के बीच पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। कुछ संगठनों द्वारा 15 अक्टूबर को बड़े आंदोलन की चेतावनी के बाद ग्वालियर पुलिस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी के तहत शनिवार को डीआरपी लाइन में बलवा ड्रिल (Riot Drill) का अभ्यास किया गया, जिसमें पुलिस बल ने आपात स्थितियों से निपटने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी, आपत्तिजनक पोस्ट पर FIR की चेतावनी
पुलिस प्रशासन ने बताया कि शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। किसी भी तरह की उकसावे वाली या भ्रामक पोस्ट करने वालों पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक कई यूज़र्स को नोटिस जारी किए गए हैं और गंभीर मामलों में FIR भी दर्ज की गई है।
पुलिस ने की सभी वर्गों से बैठक, शांति की अपील
तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए ग्वालियर पुलिस ने विभिन्न संगठनों, समाज के प्रतिनिधियों और समुदायों के साथ बैठकें की हैं। पुलिस अधिकारियों ने सभी से शहर में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी अफवाह या भ्रामक सूचना पर ध्यान न दें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।
डीआरपी लाइन में पुलिस की दमदार तैयारी
15 अक्टूबर के संभावित आंदोलन को देखते हुए शनिवार को बहोड़ापुर स्थित डीआरपी लाइन में पुलिस ने बलवा ड्रिल का अभ्यास किया। इस दौरान बलवा, दंगा और उपद्रव जैसी स्थितियों से निपटने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के प्रयोग और पत्थरबाजी से बचाव की तकनीकें दोहराई गईं।
पुलिस बल ने यह भी अभ्यास किया कि अगर भीड़ हिंसक हो जाए तो उसे कंट्रोल करने और शांतिपूर्वक तितर-बितर करने के लिए क्या रणनीति अपनाई जानी चाहिए।
अधिकारियों ने खुद किया ड्रिल का निरीक्षण
ड्रिल के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पूरी तैयारी का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।