अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार देर रात दो जोरदार धमाकों से शहर दहल उठा। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, ये धमाके पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों द्वारा किए गए हवाई हमले के थे। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने पाकिस्तान तालिबान (TTP) के ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें TTP प्रमुख नूर वली महसूद की कार और गेस्टहाउस को टारगेट किया गया।
हालांकि, नूर वली महसूद ने खुद बयान जारी कर कहा है कि वह सुरक्षित हैं और यह पूरी खबर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का दुष्प्रचार है।
काबुल में देर रात गूंजे धमाके, दिखे ड्रोन
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काबुल के आसमान में देर रात ड्रोन उड़ते हुए देखे गए, जिसके कुछ ही समय बाद दो तीव्र धमाकों की आवाज़ सुनाई दी। स्थानीय मीडिया Tolo News ने बताया कि पहला धमाका अब्दुल हक स्क्वायर के पास हुआ, जहाँ एक लैंड क्रूज़र वाहन को निशाना बनाए जाने की आशंका है। धमाके के बाद इलाके को सुरक्षा बलों ने घेर लिया और अब्दुल हक चौराहा बंद कर दिया, जिससे शहर के कई हिस्सों में भारी ट्रैफिक जाम लग गया।
तालिबान ने दी सफाई — “चिंता की बात नहीं”
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“काबुल शहर में धमाके की आवाज सुनी गई है, लेकिन लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं। किसी तरह के नुकसान की रिपोर्ट नहीं है।”
तालिबान सरकार का दावा है कि यह कोई बड़ा हमला नहीं था, बल्कि सीमित विस्फोट थे जिनकी जांच जारी है।
महसूद बोले—‘मैं जिंदा हूं, सब अफवाहें हैं’
हमले के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान तालिबान प्रमुख नूर वली महसूद का एक ऑडियो बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उसमें महसूद ने कहा,
“मैं पूरी तरह सुरक्षित हूं। जो कुछ भी पाकिस्तानी मीडिया में चल रहा है, वह उनकी खुफिया एजेंसियों का झूठा प्रचार है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तालिबान को खत्म करने के लिए झूठे ऑपरेशन दिखा रहा है ताकि घरेलू स्तर पर राजनीतिक लाभ लिया जा सके।
हमले के पीछे पाकिस्तान का मकसद
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमला टीटीपी (TTP) के बढ़ते आतंकी हमलों के जवाब में किया गया। TTP यानी “तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान” ने पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान इलाकों में कई हमले किए हैं। इसी कारण पाकिस्तानी सेना ने अफगान सीमा के अंदर “सटीक कार्रवाई (Precision Strike)” करने की रणनीति बनाई।
अफगानिस्तान के लिए संवेदनशील वक्त
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं।
मुत्ताकी का यह दौरा 9 से 16 अक्टूबर तक चलेगा और तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत के साथ यह पहली उच्च-स्तरीय राजनयिक मुलाकात है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने उनके आगमन की पुष्टि करते हुए कहा,
“भारत अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता पर सार्थक बातचीत की उम्मीद रखता है।”
ऐसे में काबुल पर यह कथित पाकिस्तानी हमला कूटनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ सकती है तनाव की स्थिति
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह हमला पाकिस्तान द्वारा किया गया है, तो यह तालिबान शासन और पाकिस्तान के बीच तनाव को और गहरा कर सकता है। दोनों देशों के संबंध पहले से ही टीटीपी की मौजूदगी और सीमा विवादों के कारण तनावपूर्ण हैं। फिलहाल, तालिबान सरकार की जांच टीम घटनास्थल की पड़ताल कर रही है और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।