लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान एलएनआईपीई के पूर्व कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा पर उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में 35 लाख रुपए की क्षति राशि पीडि़ता को देने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही संस्था को 1 लाख व पुलिस को प्राथमिकी में देरी किए जाने पर पांच लाख रुपए देने के आदेश हुए हैं।
जानकारी के अनुसान एलएनआईपीई में योग प्रशिक्षिका ने मार्च 2019 में पूर्व कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि पूर्व कुलपति ने जब वह सुबह 7 बजे योगा क्लास लेने जा रही थी, तभी रोका और हाथ से छुआ। इतना ही नहीं उसकी पीठ के निचले हिस्से पर हाथ रखा। इस काम में संस्थान में पदस्थ रहे कुछ अधिकारियों पर सहयोग करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जब महिला ने शिकायत की तो संस्थान की जांच समिति ने आरोपों को झूठा बताया। फिर यह शिकायत खेल मंत्रालय पहुंची, तब उच्चस्तरीय समिति ने जांच की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व कुलपति को दोषी पाया। इसी आधार पर महिला ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय ने सुनवाई के बाद 15 जुलाई को अहम फैसला दिया है। न्यायालय ने यह भी माना कि इस घटना के कारण पीडि़ता दो साल तक नौकरी पर नहीं आ पाई। न्यायालय ने कहा कि महिला कर्मचारियों को सुरक्षित कार्य स्थल उपलब्ध कराना हर संस्थान की जिम्मेदारी है, लेकिन एलएनआईपीई ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की। जिससे पीडि़ता को मानसिक कष्ट व रोजगार का नुकसान हुआ है। पुलिस ने भी प्राथमिकी दर्ज कराने में तीन साल की देरी की। जिससे न्याय में बाधा पहुंची। साथ ही पीडि़त महिला अन्य संस्थान में भी स्थानांतरण चाहे तो केन्द्र सरकार को उस पर विचार करना होगा।
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