Sandhya Samachar

अपने विदाई सम्मान समारोह में भावुक हो गए: पूर्व रजिस्ट्रार

45 views

कठिन परिस्तिथियों में खुद को तटस्थ रखकर काम करना बड़ी चुनौती : अनिल सक्सेना

ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के पूर्व रजिस्ट्रार एवं मप्र के वित्त विभाग के अधिकारी अनिल सक्सेना ने कहा कि जीवन लगातार चलने का नाम है। बदलाव आते हैं लेकिन हमें इस बदलाव के समय खुद को तटस्थ रखना पड़ता है। सक्सेना बतौर मुख्य अतिथि आज आइकॉम द्वारा आयोजित अपने ही सेवानिवृत्ति में सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय में आने से पहले मुझे आईआईटीटीएम में काम करने का मौका मिला। इस दौरान अपने कठिन अनुभवों को साझा करते हुए सक्सेना ने कहा कि यहां उस समय प्रवेश परीक्षा में एक बड़ी दिक्क़त होती थी। ग्वालियर-चंबल अंचल के बच्चे कम्पटीशन में आ ही नहीं पाते थे। इसके लिए मुझे युक्ति सूझी। तत्कालीन बोर्ड मेंबर अनिल सोमानी और विकास खंडेलवाल के समक्ष एक प्रस्ताव रखा कि ग्वालियर-चम्बल अंचल के छात्रों को 10 प्रतिशत कोटा रखा जाए। संयोग से प्रस्ताव पास भी हो गया। फिर दूसरी दिक्क़त ये आई कि यहां के बच्चों को अंग्रेजी भाषा की समस्या आने लगी। इसके लिए मैंने ज्यादातर बच्चों को भुवनेश्वर भेजा।

अनिल सक्सेना ने कहा
सक्सेना ने कहा कि इस दौरान एक बच्चा भुनेश्वर एडमिशन के लिए खंडेलवाल के पास गया। उन्होंने मुझे फोन किया कि एजेंडा आपने मुझसे रखवाया और सलाह अब उल्टी मुझे दे रहे हो। इस पर मैंने उन्हें बताया कि भुवनेश्वर जाकर हमारे यहां के बच्चे अंग्रेजी में प्रवीण हो जाते हैं जिसका सुफल यह है कि बड़ी संख्या में बच्चे ट्रेवल एजेंसियों में नौकरी कर रहे हैं। कार्यक्रम में सक्सेना कई तरह के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा इस तरह के सम्मान दिल को सुकून पहुंचाते हैं। वरना ढलते सूरज को कौन पूछता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रान्त कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर ने कहा कि वास्तव में एक-एक व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाए बिना परिवर्तन संभव नहीं। सरकार, शासन और योजनाएं अपनी जगह चलती रहती हैं। योजनाओं को किर्यान्वित करवाने के लिए अनिल सक्सेना जैसे धीर-गंभीर व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। इंदापुरकर ने कहा कि सक्सेना जी के साथ मेरा चार दशक से आत्मीय सम्बन्ध रहा है। उनकी कार्यशैली के लोग मुरीद हैं। यही कारण है कि उनके सेवानिवृत्त होने के बावजूद उन्हें सम्मान दिया जा रहा है। सच कहूँ तो इस तरह के सम्मान दिल को छू जाते हैं। अइकॉम में आज सक्सेना का इस तरह का सम्मान गहराई और बड़प्पन दिखाता है। और यह भी कि आत्मीय प्रेम और अपनत्व होता है समाज उसे सम्मानित करता ही है।

समाजसेवी डॉ केशव पाण्डेय बोले 
इससे पहले कार्यक्रम के आयोजक एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ केशव पाण्डेय ने अनिल सक्सेना के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ पाण्डेय ने कहा कि सक्सेना जी की एक खास खूबसूरती यह है कि इन पर कभी भी पद का गुमान हावी नहीं हुआ। यही विशेषता इन्हें औरों से अलग बनाए रही। वरना पद और रसूख मिलते ही लोग चोला बदल लेते हैं। कैलाशवाशी महाराज माधव राव सिंधिया बड़ी माशक्कत करके राष्ट्रीय स्तर का संस्थान आईआईटीटीएम ग्वालियर के लिए लाए थे। जहाँ सक्सेना ने अपने ज्ञान एवं सुयोग्यता से खूब सींचा। वहां इन्होंने 11साल सेवाएं दीं। बाद में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में इनके कार्य अब मानक बन गए हैं।

 शहर की नामचीन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने किया स्वागत
इससे पहले शहर की नामचीन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सक्सेना का पुष्पगुच्छ एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में महेश पाराशर, अनिल उपाध्याय, रामबाबू कटारे, डॉ आदित्य भदौरिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महेश मुदगल ने किया।

Leave a Comment

मौसम का मिज़ाज़

India, IN
few clouds
36%
3.3km/h
17%
32°C
32°
32°
32°
Fri
29°
Sat
29°
Sun
28°
Mon
27°
Tue

About Us

हमारी वेबसाइट का प्रमुख उद्देश्य सार्वजनिक रूप से जानकारी प्रदान करना है, और हम आपको विभिन्न विषयों पर लेख और समाचार प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

Contact Info

Address:

Sandhya Samachar, In front of Hotel Shelter, Padav, Gwalior. 474002

Email:

info@oldsamachar.nezovix.in

Contact Number:

+91 94251 11819

© Copyright 2023 :- Sandhya Samachar, All Rights Reserved. Designed and Developed by Web Mytech